न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
बुलडोजर से घर गिराने की खबर आपने उत्तर प्रदेश में जरूर सुनी होगी लेकिन अब भारत की राजधानी नई दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, दिल्ली में अब एक मस्जिद पर बुलडोजर चलाने का फैसला किया गया है। और ये फैसला किसी और ने नहीं बल्कि वहां की सरकार और नगर निगम ने लिया है। बता दें कि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद यानी एनडीएमसी (NDMC) ने दिल्ली में स्थित सुनहरी बाग मस्जिद पर बुलडोजर चलाने का फैसला लिया है। ये मस्जिद 150 साल पुरानी है और ऐतिहासिक स्थल में से एक है क्योंकि इसे मुगल शासन के दौरान बनाया गया था।
सुनहरी बाग मस्जिद पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब के पास मौजूद है और इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में मुगल सम्राट मोहम्मद शाह के शासन के दौरान उनके एक मंत्री रोशन-उद-दौला ने कराया था। बता दें कि इसे गिराने के पीछे का कारण भी हैरान करने वाला है क्योंकि इस मस्जिद को गिराने के लिए ट्रैफिक पुलिस के द्वारा सुझाव दिए गए हैं। दरअसल, ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि उस स्थान पर अधिक जाम लगने का कारण ये मस्जिद है क्योंकि ये गोल चक्कर के बीच में स्थित है और इसी वजह से वहां पर सड़क के लिए जगह कम बचती है इसीलिए इसे गिराना चाहिए। इसका मतलब ये हुआ कि ट्रैफिक को कम करने के लिए इस मस्जिद पर बुलडोजर चलाने का फैसला लिया गया है.
हालांकि, जैसे ही ये खबर सामने आई उसके बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि ये 150 साल पुरानी मस्जिद है और इससे इतिहास भी जुड़ा हुआ है. ऐसे में इसे गिराने पर रोक लगानी चाहिए। इससे पहले कोर्ट ने 21 फरवरी को ही इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया था लेकिन दोबारा इसे लेकर लोग कोर्ट पहुंचे हैं। बता दें कि जैसी ही सुनहरी मस्जिद को ढहाने का मामला लोगों तक सामने आया। इसके बाद ही धरोहर सरंक्षण समिति यानी (HCC) भी सक्रिय हो गया और इसे लेकर वहां पर भी एक मामला फिलहाल लंबित चल रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो यातायात पुलिस के सीनियर वकील संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि ये मामला पहले से ही एचसीसी के पास विचाराधीन है। ऐसे में इस केस पर फिलहाल सुनवाई का कोई भी कारण नहीं बनता है। इसी पर बात करते हुए जज ने भी कहा कि फिलहाल इस मस्जिद को गिराने का कोई खतरा नहीं है क्योंकि जब तक एचसीसी इस पूरे मामले पर अपना फैसला नहीं सुनाती है, तब तक एनडीएमसी के पास कोई अधिकार नहीं है कि वे इस पर बुलडोजर चला सकें.