किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संगठन भारतीय किसान संघ (BKS) देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को ‘किसान गर्जना’ रैली कर रहा है. बीकेएस किसानों से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से के खिलाफ सड़कों पर उतर रहा है. अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के के रामलीला मैदान में ‘किसान गर्जना’ रैली में शामिल होने जा रहे हैं. भारतीय किसान संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से नाराज है. संगठन ने अब सड़क पर उतरकर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है.
भारतीय किसान संघ की किसान गर्जना रैली में 50 से 60 हजार किसानों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. देश भर से किसान करीब 700 से 800 बस और 4000 प्राइवेट वाहनों में आएंगे. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान गर्जना रैली के होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं. भारतीय किसान संघ के महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि किसानों से जुड़ी मांगों को दिल्ली में रैली कर अपना विरोध जताया जाएगा, जिसमें 600 जिलों के किसान शामिल होंगे.

बीकेएस की मांग है कि केंद्र सरकार को कृषि उपज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाना चाहिए. इसके अलावा संगठन सभी कृषि उपज को जीएसटी से मुक्त करने की मांग भी कर रहा है.साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में बढ़ोतरी की मांग भी उठाई जा रही है. किसान संगठन अनाज में सब्सिडी के अलावा डीबीटी के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग भी कर रहा है.
भारतीय किसान संघ का कहना है कि सरकार के पास पहले से ही किसान क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा है. इसके आधार पर ही किसानों को कारोबारी बनने के लिए लाइसेंस दिया जाना चाहिए. इसके लिए अलग से कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत न हो. बीकेएस की कार्यकारी समिति के सदस्य नाना आखरे ने कहा है कि जो किसान देश को अनाज,सब्जियां, फल, दूध आदि प्रदान करते हैं, आज अपनी कृषि उपज पर उचित लाभ नहीं मिलने की वजह से बहुत निराश हैं और इस वजह से आत्महत्या कर रहे हैं.
