हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मालिक के बगीचा पर बने अवैध निर्माण को हटाने पहुंची पुलिस फोर्स पर भारी पथराव और आगजनी हुई. इस हमले में पुलिसकर्मियो के सिर और हाथ में गंभीर चोट आई. इनमें से कुछ घायल पुलिसकर्मियों ने आजतक से बात करते हुए उस मंजर को बयां किया है.
उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध रूप से बनाए गए मदरसों और धार्मिक स्थल को तोड़ने के दौरान भारी बवाल मचा था, जिसके बाद इलाके में भारी हिंसा हुई थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा गाड़ियों को उपद्रवियों ने फूंक दिया था. इसके बाद प्रशासन ने सख्ती करते हुए पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था. हालांकि अब कर्फ्यू में ढील दे दी गई है. हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मालिक के बगीचा पर बने अवैध निर्माण को हटाने पहुंची पुलिस फोर्स पर भारी पथराव और आगजनी हुई. इस हमले में पुलिसकर्मियो के सिर और हाथ में गंभीर चोट आई. इनमें से कुछ घायल पुलिसकर्मियों ने आजतक से बात करते हुए उस मंजर को बयां किया है.
कांस्टेबल विजय कुमार का कहना है ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि इस तरह पत्थर उड़ते हुए आएंगे. चारों ओर से ईंटों की बारिश हो रही थी. जब पुलिस बल मौके पर पहुंचा था तो बहुत लोग नारेबाजी कर रहे थे. सब इंस्पेक्टर ज्योति ने कहा जब हम फोर्स के साथ वहां पहुचें तो हमको यह जानकारी थी कि लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. पत्थरों से हमले के बीच भी हमने कार्रवाई पूरी की और उसके बाद एवैकुएशन हुआ, हम पीछे नहीं हटे. उन्होंने कहा कि वहां कुछ लोगों ने पुलिस की सहायता की और उनको अपने घर में पनाह देकर उपद्रवियों के हमले से बचाया.
हल्द्वानी में हिंसा के तीन दिन बाद भी सख्ती बनी हुई है. पुलिस प्रशासन ड्रोन की मदद से उपद्रवियों को ढूंढ रहा है. उन इमारतों का चिन्हीकरण किया जा रहा है जहां से पत्थर फेंके गए. हल्द्वानी के बाहरी क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील दी गई है. हालांकि इंटरनेट सेवाएं ठप हैं. इंटेलिजेंस फिर हरकत में हैं. आगे पुलिस और कड़े कदम उठा सकती है.