क्लीन बोल्ड होने के बाद भी बल्लेबाज रहा नॉटआउट, नहीं देखा होगा ऐसा नजारा

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क्रिकेट के मैदान पर अकसर ऐसा कुछ देखने को मिल जाता है, जिसे देखकर आंखों पर यकीन नहीं होता है। ऐसा ही कुछ ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही महिलाओं की नेशनल क्रिकेट लीग में देखने को मिला, जहां बल्लेबाज क्लीन बोल्ड होने के बाद भी आउट नहीं दिया गया। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा तो नोबॉल होने पर ही संभव हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। क्वींसलैंड और तस्मानिया के बीच हुए इस मैच में बेलिंडा वाकारेवा की गेंद पर जॉर्जिया वोल क्लीन बोल्ड हो गईं, लेकिन फील्डिंग करने वाली टीम से किसी ने भी अपील नहीं की थी।

क्रिकेट का नियम है कि जब तक फील्डिंग करने वाली टीम या गेंदबाज अपील नहीं करता है, तब तक अंपायर बल्लेबाज को आउट नहीं दे सकता है। यहां भी ऐसा ही कुछ हुआ। क्वींसलैंड की पारी के 14वें ओवर में वाकारेवा की गेंद पर जॉर्जिया ने सीधे बल्ले से शॉट खेला, लेकिन वह बैट को गेंद से कनेक्ट नहीं कर सकी थीं। इस दौरान कमेंटेटरों को भी यही लगा कि विकेटकीपर के दस्तानों के कारण बेल्स गिरी हैं, लेकिन ऐसा नहीं था। बाद में जब इस वाकये का रिप्ले दिखाया गया तो सभी को इस बात का पता चला।

जॉर्जिया नहीं उठा सकीं मौके का फायदा

जिस वक्त यह घटना घटी, उस समय जॉर्जिया 39 गेंदों पर 26 रन बनाकर खेल रही थीं। उन्हें बेशक इस मैच में एक जीवनदान मिल गया, लेकिन वह इसका सही से फायदा नहीं उठा सकीं। तस्मानिया की किस्मत अच्छी थी कि उसे इसका ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि निकोला कैरी के नाबाद शतक की बदौलत टीम यह मैच 5 विकेट से अपने नाम करने में सफल रही।

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