राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक कक्षाएं शुरू करने’ के बयान से राज्य के राजनीतिक हलकों में एक बड़ी बहस छिड़ गई है. गहलोत से जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे होने पर शनिवार (17 दिसंबर) को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजस्थान के राजनीतिक मॉडल पर बोलने के लिए कहा गया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘मैं अपनी सेवानिवृत्ति के बाद राजनीतिक कक्षाएं लेना शुरू करूंगा.’

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ‘भगवान न करे! अगर कोई ऐसा दिन देखे कि किसी को अशोक गहलोत स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स में जाना पड़े तो वह झूठ बोलना, झूठी घोषणाएं करना और वादे तोड़ना सीख जाएगा…आप इन मुद्दों पर प्रशिक्षण जरूर प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन पारंपरिक नैतिक राजनीति में प्रशिक्षण की कोई गुंजाइश नहीं है, जिसके लिए कभी राजस्थान किसी जमाने में जाना जाता था.’