न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
अगले बढ़ते हुए सेमीकंडक्टर हब के रूप में भारत ने इस दुनिया में खुदके लिए अपनी जगह बना दी है, बतादें की इस दुनिया में सेमीकंडक्टर की मांग काफी तेज़ी के साथ बढ़ रही है, साथ ही आईएसएम ने भारत को वर्ष 2023 में एक मजबूत चिप-मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में अपने-आप को आगे करने के लिए प्रेरित करा है.
टेक्नोलॉजी फॉलोवर से टेक्नोलॉजी में खुदको श्रेष्ठ बनाकर भारत ने अपने आपको इस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे कर दिया है, बतादें की भारत न सिर्फ अपने आपको इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन और अपकमिंग एआई मिशन से लोगों की आम जरूरतों को पूरी कर रहा है बल्कि इसके अलावा आजकल जो पुरे विश्व में तकनिकी दौर चल रहा है उसमे बढ़ोतरी भी कर रहा है और इसके साथ ही भारत एक अहम भूमिका निभा रहा है और खुदके लिए इस तकनिकी क्षेत्र में स्थान बना रहा है.
भारत ने अपने लिए बढ़ते हुए सेमीकंडक्टर हब में जगह बना दी है, जिसकी पूरी दुनिया में इस वक़्त मांग काफी बढ़ रही है, बतादें की ये जो भारत का इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन यानी ISM है उसकी निगरानी के अंदर ये सारी चीज़े और ये सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जैसा की हमने आपको बताया की मजबूत चिप-मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में खुदको को आगे करने के लिए आईएसएम ने भारत को प्रेरित करा है. गुजरात के साणंद में जो की अहमदाबाद जिले में मौजूद एक शहर और नगर पालिका है, वहां माइक्रोन के 2.75 बिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर प्लांट बनने के शुरुआत हो चुकी है जो की काफी आकर्षित चीज है.
iCET ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अमेरिका यात्रा के समय काफी खास मौके पर अकार ले लिया था. भारत-अमेरिका का जो सहयोग है, न्यू टेक में उसे व्यापक बनाने की और एक अच्छा समझौता है, जिससे भारत और अमेरिका के आपसी रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत और अच्छे हो सकते हैं.