एविएशन क्षेत्र के रेग्यूलेटर डीजीसीए ने गो फर्स्ट ( Go First) को उड़ानें रद्द होने के बाद जल्द से जल्द यात्रियों का पैसा रिफंड (Refund) करने का आदेश दिया है. डीजीसीए ने कहा कि उसने कारण बताओ नोटिस पर गो फर्स्ट के जवाब का अध्ययन किया है और मौजूदा रेग्यूलेशन के तहत यात्रियों का रिफंड प्रोसेस करने के आदेश दिए हैं.
डीजीसीए ने नोटिस में गो फर्स्ट ने कहा कि उन्होंने इंसोलवेंसी बैंकरप्टी कोड के सेक्शन 10 के तहत एनसीएलटी के पास आवेदन दाखिल किया है. एयरलाइंस ने 3 मई से तीन दिनों के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी है. और एयरलाइंस एनसीएलटी के आदेश से जो नतीजा सामने आएगा आगे फैसला करेगी. गो फर्स्ट ने डीजीसीए को बताया कि एयरलाइंस ने 15 मई तक के लिए टिकट सेल्स को सस्पेंड कर दिया है. और जिन यात्रियों ने टिकट बुक कराया है उनका पैसा रिफंड करेगी या फिर यात्रा की तारीख को आगे रीशेड्यूल करेगी.
डीजीसीए ने गो फर्स्ट के इस जवाब का अध्ययन करने के बाद मौजूदा रेग्यूलेटरी नियमों के तहत यात्रियों का रिफंड तय समय सीमा के भीतर प्रोसेस करने को कहा है. डीजीसीए ने कहा कि बगैर सूचना के गो फर्स्ट के उड़ानें रद्द करने के फैसले से यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने की कोशिश में जुटी है.
डीजीसीए ने 2 मई को ही वित्तीय संकट झेल रही गो फर्स्ट एयरवेज को उड़ानें रद्द करने के फैसले को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था. डीजीसीए ने कहा कि बिना किसी सूचना के एयरलाइंस ने ये फैसला किया है. डीजीसीए ने कहा कि गो फर्स्ट तय शेड्यूल का पालन करने में विफल रहा है जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना होगा. ये शेड्यूल के अप्रूवल के अनुपालन के भी खिलाफ है. डीजीसीए ने कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए करते हुए पूछा था कि क्यों ना उसके खिलाफ इस अवमानना के लिए कार्रवाई की जाए. रेग्यूलेटर ने 5 मई से उड़ानों के शेड्यूल का डिटेल्स भी एयरलाइंस से मांगा था.