राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन (एनआरए) के ग्रेट अमेरिकन आउटडोर शो में डोनाल्ड ट्रंप हैरिसबर्ग भाषण दे रहे थे। उन्होंने दावा किया कि जब वह राष्ट्रपति थे, तो उन्होंने बंदूक नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए किसी भी तरह के दबाव का विरोध किया था।
अमेरिका में सरेआम गोलीबारी की घटनाएं बढ़ती चली जा रहीं है। ऐसे में बंदूक रखने वाले लोगों के अधिकारों पर भी तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। इसे लेकर देश में बहस भी तेज हो गई है कि बंदूकों पर नियंत्रण कैसे पाया जाए ताकि इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके। इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में वापसी करने पर बंदूक मालिकों के अधिकारों की रक्षा करने की कसम खाई है।
बता दें की डोनाल्ड ट्रंप पेंसिल्वेनिया के हैरिसबर्ग में राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन (एनआरए) के ग्रेट अमेरिकन आउटडोर शो में भाषण दे रहे थे। उन्होंने दावा किया है कि जब वह राष्ट्रपति थे, तो उन्होंने बंदूक नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए किसी भी दबाव का विरोध किया था।
उन्होंने लोगों से कहा, ‘हमने कुछ नहीं किया, हम माने भी नहीं हैं। मैं व्हाइट हाउस में बंदूक मालिकों का सबसे अच्छा दोस्त बनकर रहा था और आपका दूसरा संशोधन हमेशा आपके राष्ट्रपति के रूप में मेरे साथ सुरक्षित रहेगा।’
रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस जीतते जा रहे हैं। अभी हाल ही में, नेवादा में रिपब्लिकन पार्टी का कॉकस का आयोजन किया गया। डोनाल्ड ट्रंप को इस कॉकस के नतीजों में जीत मिली। इस जीत से रिपब्लिकन पार्टी की दौड़ में मजबूत हो गई है।
बंदूक अधिकारों को ट्रंप एक मुख्य मुद्दे के रूप में रख रहे हैं। वहीं, डेमोक्रेट्स कई सामूहिक गोलीबारी के मद्देनजर सख्त बंदूक कानूनों का आह्वान कर रहे हैं। उनका दावा है कि साल 2006 से लेकर अब तक तीन हजार से अधिक लोगों की जान गोलीबारी में ही जा चुकी है। ऐसी ही घटनाओं में से एक पार्कलैंड नरसंहार है।
साल 2018 में स्कूल के भीतर अमेरिका में गोलीबारी की दिल दहला देने वाली घटना से पूरा देश हिल गया था। मियामी के उत्तर-पश्चिम में एक युवक हथियारबंद होकर अपने पूर्व स्कूल में घुस गया था और छात्रों व शिक्षकों पर लगातार गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी।
ट्रंप को राष्ट्रपति के रूप में पार्कलैंड और अन्य बंदूक हिंसा की घटनाओं के चलते काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने शुरुआत में ही मजबूत पृष्ठभूमि की जांच के लिए समर्थन व्यक्त किया था और एनआरए से डरने के लिए एक रिपब्लिकन सीनेटर की आलोचना की थी।
उन्होंने कहा था कि वह बंदूक लॉबी का सामना करेंगे और बंदूक हिंसा की समस्या को भी हल कर देंगे । हालांकि, बाद में एनआरए के साथ हुई बैठक के बाद वह पीछे हट गए और इसके बजाय पृष्ठभूमि की जांच प्रणाली और शिक्षकों को हथियार देने के विचार में मामूली सुधारों का समर्थन किया।
एक्स पर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि बंदूक नियंत्रण के लिए राजनीतिक समर्थन बहुत ज्यादा नहीं था।