- कोरोना में सुनवाई की रफ्तार धीमी,
- तेज हुई तो एक-डेढ़ महीने में फैसला, फिलहाल मंगल को निकलेंगे
- सवा तीन साल बाद लालू को मिली है जमानत
- 23 दिसंबर 2017 को जेल गए थे लालू
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में जमानत मिल गई है। इसके साथ ही फिलहाल उनके जेल से बाहर आने का रास्ता भी साफ हो गया है। फिलहाल इसलिए, क्योंकि इसी केस के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजा पर फैसला बाकी है। अगर इस मामले में भी उन्हें सजा हुई, तो फिर से वापस जेल जाना पड़ सकता है। डोरंडा मामले की सुनवाई चल रही है। कोरोना की वजह से अभी धीमी है। CBI को उम्मीद थी कि लालू के बेल पिटीशन पर सुनवाई के दौरान ही इस मामले में भी फैसला आ जाएगा। हालांकि पटना हाईकोर्ट के सीनियर वकील अरविंद उज्जवल कहते हैं कि सुनवाई अभी की सामान्य रफ्तार से भी हुई तो डोरंडा पर फैसला आने में एक से डेढ़ माह का वक्त लग सकता है।
फैसला आया तो एक से डेढ़ माह में फिर लालू को जाना होगा जेल
चारा घोटाले से ही जुड़े डोरंडा कोषागार अवैध निकासी मामले की सुनवाई अभी कोर्ट में चल रही है। कोरोना काल में वर्चुअल सुनवाई और गवाही प्रक्रिया धीमी होने के कारण ट्रायल की रफ्तार भी धीमी हो गई है। यही वजह है कि अबतक इस मामले में सजा पर फैसला नहीं हो सका है। सजा पर फैसला आने के बाद लालू की जमानत भी सजा अवधि पर निर्भर करेगी। अगर 5 साल की सजा होती है तो ढाई साल, अगर 7 साल की सजा मिलती है तो लालू को साढ़े तीन साल जेल में बिना बेल के रहना होगा।
आधी सजा काटने के ग्राउंड पर मिली है जमानत
लालू प्रसाद को चारा घोटाले में आधी सजा पूरी करने के आधार पर जमानत मिली है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद ने जमानत के लिए आधी सजा पूरी करने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी। इस मामले में CBI अदालत ने लालू को सात-सात साल की सजा दो अलग-अलग धाराओं में सुनाई थी। लालू ने दावा किया था कि वह आधी सजा पूरी कर चुके हैं। वहीं CBI का दावा था कि आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है।
मंगलवार को जेल से आ सकते हैं बाहर
अरविंद उज्जवल के मुताबिक लालू प्रसाद को जेल से आने में 2 से 3 दिन का वक्त लग सकता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले हाईकोर्ट का आर्डर निचली अदालत यानि CBI कोर्ट को भेजा जाएगा। वहां से रिलीज ऑर्डर का बेल बॉन्ड बनेगा जो RIMS, रांची के जरिए AIIMS, दिल्ली में भर्ती लालू प्रसाद तक भेजा जाएगा। इस बेल बॉन्ड पर लालू हस्ताक्षर करेंगे। फिर वह जेल अधीक्षक के पास जाएगा। जेल अधीक्षक रिलीज ऑर्डर जारी करेंगे, फिर बेल होगी। कल 18 अप्रैल को रविवार होने के कारण इस पूरी प्रक्रिया में 2 से 3 दिन का वक्त लग सकता है। लालू मंगलवार को बेल पर बाहर आ सकते हैं।