एक दिन में सर्वाधिक 1490 संक्रमितों की मौत
चुनाव, त्योहार, वैक्सीनेशन के बाद लापरवाही ने बढ़ाई चुनौती-डॉ. गुलेरिया
देश में कोरोना संक्रमण लगातार तेज होता जा रहा है। शनिवार को देश में 2.6 लाख नए मरीज मिले। 1490 मौतें भी हुईं। 15 महीने के कोरोनाकाल में नए मरीजों और मौतों के ये सबसे बड़े आंकड़े हैं। शुक्रवार को सबसे ज्यादा 67123 मरीज महाराष्ट्र में मिले। वहां 419 मौतें हुईं। दिल्ली ने भी नए मरीजों के मामले में रिकॉर्ड बनाया। वहां 24,375 मरीज मिले। अब महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा नए मरीजों वाले राज्य दिल्ली, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं।
देश में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 17.86 लाख हो गई है। यह अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 6.48 लाख सक्रिय मरीज हो गए हैं। 1.72 लाख सक्रिय मरीजोंे वाला उत्तरप्रदेश अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
हफ्तेभर में प्रतिदिन मौत के औसत मामले 66 फीसदी बढ़े
देश में 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच कुल 7206 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इस लिहाज से सप्ताह में प्रतिदिन मरने वाले कोरोना मरीजों की औसत संख्या 1029 रही। लेकिन इसके पहले के सप्ताह (3 अप्रैल से 9 अप्रैल तक) कुल 4326 कोरोना मरीजों की मौत हुई।
इस लिहाज से बीते इस हफ्ते में रोजाना कोरोना मरीजों के मौत की औसत संख्या 618 रही। दो आंकड़ों से पता चलता है कि पहले के मुकाबले दूसरे हफ्ते में प्रतिदिन कोरोना मरीजों की मौत की औसत संख्या में 66.3 फीसदी का इजाफा हुआ।
चुनाव, त्योहार, वैक्सीनेशन के बाद लापरवाही ने बढ़ाई चुनौती: डॉ. गुलेरिया
दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना का संक्रमण फिर से तेजी से कहर बरपा रहा है। हर दिन कोरोना से संक्रमित मामले तेजी से बढ़ रहे है। इसके पीछे चुनाव, पर्व व वैक्सीनेशन के बाद लापरवाही है। यह बात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कही।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समय है जब हमारे देश में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां चल रही हैं। इसके अलावा चुनाव भी चल रहे हैं। हमें समझना चाहिए कि जीवन भी महत्वपूर्ण है। हम इसे सीमित तरीके से कर सकते हैं ताकि किसी की भावनाएं आहत हों।