न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
भारत के लोकतंत्र का महापर्व यानी लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. भारतीय चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इसकी घोषणा की और इस बार ये इलेक्शन 7 चरणों में समाप्त होगा. इसके लिए 19 अप्रैल से मतदान शुरू होंगे और 1 जून को समाप्त होगा. तो वहीं वोटों की गिनती 4 जून को की जाएगी. ऐसे में जब भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं तो हम आपको एक ऐसे इलेक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया का सबसे खूनी चुनाव माना जाता है.
दरअसल, चुनाव के दौरान या फिर उसके बाद दुनिया भर के लगभग सभी देशों में हिंसा होती है. ऐसे में साल 2011 में नाइजीरिया में हुए चुनाव को अब तक का सबसे खूनी चुनाव माना जाता है. बता दें कि साल 2011 में नाइजीरिया में हुए आम चुनाव में गुडलक जोनाथन को जीत मिली और वे वहां के नए राष्ट्रपति बने. उनकी जीत की घोषणा होते ही उसके अगले दिन नाइजीरिया दंगों की आग में झुलसता रहा और इसमें करीब 800 से अधिक लोगों की जान चली गई.
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे नाइजीरिया के इतिहास का सबसे निष्पक्ष चुनाव माना जाता है. इस इलेक्शन में जोनाथन ने पूर्व सैनिक अधिकारी और राष्ट्रपति मुहम्मद बुहारी को हराया था. बुहारी की इस हार को उत्तरी नाइजीरिया के लोग पचा नहीं पाए और उन्होंने दंगे करने शुरू कर दिए. दरअसल, जोनाथन एक ईसाई थे और उनकी जीत से मुस्लिम समाज भड़क गया और उन्होंने दंगे करने शुरू कर दिए. मुस्लिमों ने ईसाईयों के दुकान, घर और चर्च को भी आग के हवाले करना शुरू कर दिया. उनके इस तरह के दंगे का नतीजा ये रहा कि 65,000 लोग अपना घर छोड़ने को बेबस हो गए.
इस तरह के दंगे के बाद एक कमेटी का गठन हुआ, जिसने 500 लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन किसी को भी सजा नहीं हुई. इस घटना के बाद बुहारी के समर्थकों का कहना था कि इस दंगे को किसी ने भी नहीं भड़काया है, जबकि जोनाथन के समर्थक यही कह रहे थे कि बुहारी के लोगों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. इस चुनाव में गुडलक जोनाथन को 59 फीसदी वोट मिले थे तो वहीं मुहम्मद बुहारी के खाते में 32 फीसदी वोट आए थे. ह्यूमन राइट्स वॉच ने इसे दुनिया का सबसे खूनी चुनाव बताया है.