न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
सऊदी अरब, ये वो देश है जहां से इस्लाम की शुरुआत हुई थी और वहां पर अभी भी लोग इस्लाम के शरिया कानून को मानते हैं. किसी भी अपराधी को शरिया के तहत ही दंड दिया जाता है. हालांकि, धीरे धीरे ये देश भी आधुनिकता को अपना रहा है. सऊदी को कट्टर इस्लामिक देश माना जाता है लेकिन वहां के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आने के बाद से ही इसमें काफी सुधार हो रहे हैं. इस्लामिक देशों में आमतौर पर महिलाओं के ऊपर तमाम तरह की पाबंदियां लगी रहती हैं और सऊदी में भी कुछ इसी तरह का नियम है.
सऊदी की सत्ता में जबसे बिन सलमान ने कार्यभार संभाला है, इसमें तेजी से सुधार हुआ है और उन्होंने कई पाबंदियां हटाई हैं. इसी कड़ी में प्रिंस ने अब एक नया फरमान सुनाया है, जिसके बाद कट्टरपंथ की सोच रखने वाले बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. तो वहीं सलमान का ये फैसला भी हैरान करने वाला है क्योंकि उन्होंने मस्जिदों को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है. मोहम्मद बिन ने सऊदी की मस्जिदों में होने वाली इफ्तार पार्टी पर रोक लगा दी है, इससे कुछ वर्ग नाराज हो गया है, जबकि कुछ इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.
सलमान के इस फैसले के बाद से ही ये सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्या वे सऊदी को मॉडर्न इस्लामिक देश बनाना चाहते हैं? दरअसल, सऊदी प्रिंस ने साल 2017 में एक बयान दिया था और कहा था कि “वे सऊदी अरब को एक मॉडर्न देश बनाना चाहते हैं, जिसमें महिलाओं को भी आजादी होगी.” इसके बाद से ही अरब देश में भी इसमें तेजी से सुधार हुआ और कई स्थानों पर महिलाओं को भी छूट दी गई है. हालांकि, यहां पर सवाल ये उठता है कि मस्जिदों में इफ्तार पार्टी पर प्रिंस ने रोक क्यों लगाई है? इसके पीछे उन्होंने पार्टी के दौरान मस्जिदों में होने वाली गंदगी बताया है.
सलमान ने आदेश जारी करते हुए कहा कि लोगों को मस्जिदों में इफ्तार पार्टी नहीं करनी चाहिए. इससे वहां पर गंदगी फैलती है. ऐसे में मस्जिद को साफ सुथरा रखने के लिए ये करना बहुत ही महत्वपूर्ण है. लोगों को इफ्तार पार्टी अपने घरों या फिर किसी अन्य सार्वजनिक स्थलों पर करनी चाहिए. क्राउन प्रिंस के इस आदेश के बाद ही कट्टरपंथ की सोच रखने वाले लोग का मानना है कि इससे इस्लाम कमजोर हो जाएगा. हालांकि, अब देखना होगा कि उनके इस फैसले के बाद देश में किस तरह का प्रभाव पड़ता है.