Saturday, December 14, 2024

फिल्म ‘आर्टिकल 370 में खरी उतरीं यामी और प्रियामणि

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फिल्म ‘उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक’ का निर्देशन कर चुके आदित्य धर ने सत्य घटना पर आधारित एक और नई फिल्म ‘आर्टिकल 370’ का निर्माण किया है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने की घटनाओं को लेकर लोग अच्छी तरह से परिचित हैं। लेकिन इस फिल्म में धारा को हटाने से पहले क्या-क्या तैयारियां हुई, वह सब दर्शाया गया है। यह फिल्म जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के प्रधानमंत्री कार्यालय के सारे टॉप सीक्रेट फैसले पर आधारित है।

इस फिल्म की कहानी की शुरुआत एक खुफिया अधिकारी जूनी हक्सर से है। आतंकवादी संगठन के युवा कमांडर बुरहान वानी के ठिकाने के बारे में जूनी हक्सर को पता चलता है और वह उसे मुठभेड़ में उसे जान से मार देती है। कश्मीर में इस घटना से पत्थर बाजी शुरू हो जाती है और इस पूरी घटना का जिम्मेदार जूनी हक्सर को मानकर दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया जाता है। जैसे ही सरकार अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए आगे बढ़ती है। तभी पीएमओ सचिव राजेश्वरी स्वामीनाथन अपनी एक टीम का गठन करती है और कश्मीर में एनआईए ऑपरेशन का नेतृत्व करने के लिए जूनी हक्सर को नियुक्त करती है। बता दे की घाटी में शांति और एकता बनाए रखने की यात्रा में जूनी हक्सर भ्रष्ट स्थानीय नेताओं और उग्रवादियों द्वारा उत्पन्न बाधाओं से होकर गुजरती है।

इस फिल्म की कहानी को छह अध्यायों में बांटा गया है, जिनमें से पहला अध्याय एक आतंकवादी संगठन के युवा कमांडर बुरहान वानी की कहानी से शुरू होता है। 2016 में उसकी मौत के बाद घाटी में कई विरोध प्रदर्शन हुए, पत्थर बाजी हुई, जिसके बाद पीएमओ सचिव राजेश्वरी स्वामीनाथन हरकत में आ गई । कहानी फिर उस समय तक पहुंचती है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है। इसके बाद भी स्थिति ज्यादा नहीं बदलती और 2019 में पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद केंद्र सरकार हरकत में आई और जम्मू कश्मीर के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने का फैसला लिया।

इस फिल्म के अंदर इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने से पहले कैसे जम्मू-कश्मीर संविधान की जांच की और उन खामियों की पहचान की है जिससे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में मदद मिली। एक पुराने सरकारी पुस्तकालय से प्राप्त 1954, 1958 और 1965 के दस्तावेजों से एक महत्वपूर्ण चूक का पता चला, जिससे अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से काफी पहले ही हटाया जा सकता था। इस फिल्म की पूरी कहानी आदित्य धर ने मोनल ठाकुर के साथ मिलकर लिखी हैं। फिल्म के निर्देशक आदित्य सुहास जंभाले ने फिल्म की कहानी के जरिये देशभक्ति की उत्तम भावनाओं को पर्दे पर पूरी तरह से पेश करने में सफल हैं।

आर्टिकल 370 फिल्म की कहानी मुख्य रूप से दो किरदार जूनी हस्कर और पीएमओ सचिव राजेश्वरी स्वामीनाथन के आस-पास घूमती है। जूनी हस्कर की भूमिका में यामी गौतम और पीएमओ सचिव राजेश्वरी स्वामीनाथन की भूमिका में प्रियामणि का फिल्म में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। प्रधानमंत्री की भूमिका में अरुण गोविल और गृह मंत्री की भूमिका में किरन करमारकर की भूमिका भी बेहद प्रभावशाली हैं। इस फिल्म के बाकी कलाकारों में से राज जुत्शी, सुमित कौल, वैभव तत्ववादी, स्कन्द ठाकुर और इरावती हर्षे ने अपनी-अपनी भूमिका के साथ पूरी तरह से न्याय करने की कोशिश की है। फिल्म की सिनेमाटोग्राफी, संकलन, बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है।

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