जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेएसआई) ने भागलपुर के कहलगांव के माधोरामपुर मौजा स्थित करीब 261 एकड़ जमीन के नीचे कोयले का विशाल भंडार पाया है। सर्वे में माधोरामपुर गांव में जमीन के 350 फीट नीचे की खुदाई में मिले कोयले को क्वालिटी जांच के लिए धनबाद भेजा है। धनबाद स्थित सीएमपीडीआई में कोयले की क्वालिटी का पता लगने के बाद इस एरिया को कोल ब्लॉक घोषित किया जाएगा। इससे पहले 2018 में कहलगांव के ही सिंघाडी, गंगारामपुर, नवादा, मंसूरपुर गांव में कोयला की संभावना जताई गई थी। इसी साल पीरपैंती के 48 गांवों में भी कोयले का भंडार मिला था। जेएसआई टीम ने चंडीपुर पहाड़ के सर्वे में फायर क्ले और सिलिका (क्रिस्टल पत्थर) का भी विशाल भंडार पाया है। टीम अभी भी इन गांवों का सर्वे कर रही है।
2012 से हो रहा है इलाके में खनिज पदार्थ होने का सर्वे
जिला खनन पदाधिकारी अखलाघक हुसैन ने बताया कि सर्वे टीम को माधोरामपुर में कोयला के अलावा फायर क्ले और सिलिका (क्रिस्टल पत्थर) मिला है। कोयले के सैंपल को धनबाद भेजा गया है। जहां क्वालिटी की जांच के बाद जेएसआई केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी। उधर, टीम में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि 2018 में मिले कोयले की क्वालिटी जी-3 से लेकर जी-14 तक की थी। ये क्वालिटी उत्तम मानी जाती है। इन इलाकों में विशाल खनिज भंडार होने का सर्वे 2012 में शुरू हुआ था। पीरपैंती में जीएसआई के सर्वे के सात साल बाद वैज्ञानिकों की टीम ने इलाके में कोयले का बड़ा भंडारण होने की संभावना जताई थी।
पीरपैंती में 2026 से खनन शुरू होने की संभावना
20 मार्च 2018 को टीम ने बीसीसीएल धनबाद और सीएमपीडीआई की टीम को रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को इन इलाकों के भू-अर्जन के निर्देश दिए। पीरपैंती में 2026 से खनन शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है। 2018 में पीरपैंती के लक्ष्मीपुर, गोविंदपुर, चौधरीबसंत, हीरानंद बंसीचक नौवाटोली, शेरमारी शादीपुर, रिफातपुर, जगदीशपुर, सीमानपुर, पसाहीचक, महादेव टिकर, प्यालापुर, गोकुल मथुरा, सगुनी, रोशनपुर, महतोटोला रिफातपुर, बदलूगंज, बाबूपुर, पचरुखी, बारा, इसीपुर, हरदेवचक, दौलतपुर, कमलचक, मिर्जागांव सोनरचक, राजगंज, काजीबाड़ा, बसबिट्टा और बल्ली टीकर गांव में कोयला की संभावना जताई गई थी।
80 से 400 फीट तक कोयला मौजूद होने के संकेत
टीम में शामिल जियोलॉजिस्ट रितेश कुमार और असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट हरीश कुमार ने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ माइंस के निर्देश पर जेएसआई ने स्ट्रैटजिक मिनरल प्रोजेक्ट में कहलगांव के बटेश्वर स्थान, कासड़ी और जगन्नाथपुर की पहाड़ियों में प्रचुर मात्रा में खनिज भंडार की संभावनाओं की खोज करने की जिम्मेदारी दी है। पहले आयी टीम ने सर्वे में पाया था कि यहां 80 फीट से लेकर 300 से 400 फीट तक कोयला मौजूद है।