न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
हमारे समाज में महिलाओं और पुरुषों के लिए कई सारी भूमिकाएं बाटी गयी है। जैसे कि रंग। जी हाँ आपने कई जगह देखा होगा महिलाओं के लिए पिंक कलर का इस्तेमाल किया जाता है और पुरुषों के लिए ब्लू कलर यानि नीला रंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसी भूमिका के कारण आज लड़के गुलाबी कलर के कपडे पहनने से कतराते है। मेट्रो से लेकर वॉशरूम तक महिलाओं के लिए पिंक कलर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या कभी आपके दिमाग में ये सवाल आया है आखिर लड़कियों के लिए पिंक कलर का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है ? आइए जानते हैं कि किस लिए गुलाबी रंग को महिलाओं का रंग माना जाता है?
गुलाबी रंग को महिलाओं का रंग कब से माना जाता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें पहले लड़को के लिए ही पिंक कलर का इस्तेमाल किया जाता था। दरअसल प्रथम विश्व युद्ध से पहले बच्चों को सफेद रंग के कपड़े पहनाए जाते थे। क्योकिं उस वक्त बच्चों को किसी रंग से जोड़कर नहीं देखा जाता था। मगर धीरे-धारे डाई प्रचलन में आने लगे और बच्चों के कपड़ों पर पेस्टल कलर्स का इस्तेमाल किया जाने लगा। जिसमे गुलाबी और नीला कलर का उपयोग ज्यादा होता था। उस समय गुलाबी रंग को लड़कों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था। जिसका कारण ये था कि गुलाबी दृढ़ निश्चयता और पुरुषत्व का रंग है, जो लड़कों को अधिक सूट करेगा। जबकि, नीले रंग को काफी नाजुक समझा जाता था और सुंदरता से जोड़कर देखा जाता था। इसी कारण नीले रंग को लड़कियों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाने लगा।
तो वहीं बीसवीं शताब्दी के दौरान दुकानदारों ने कपड़ों और खिलौनों को बेचने के लिए उन्हें लिंग से जोड़ते हुए, रंगों के हिसाब से बेचना शुरू कर दिया। उस समय तक भी कई जगहों पर दुकानें पिंक को लड़कों के लिए और ब्लू लड़कियों के लिए इस्तेमाल कर रहे थे, हालाँकि कई स्थानों पर पिंक लड़कियों के लिए और ब्लू लड़कों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन गुलाबी रंग लड़कियों के लिए हमेशा इस्तेमाल हो इसके लिए दो मशहूर पेंटिंग्स का हाथ माना जाता है। दरअसल ये पेंटिंग्स, द बॉय और पिंकी के नाम से जानी जाती हैं। जिसमे लड़को को नीले रंग के कपड़े और लड़की को गुलाबी रंग के कपड़े पहनाये गए थे। इस पेंटिंग से लोग प्रेरित हुए और उन्होंने समय के साथ बदलाव किये बदलाव में गुलाबी रंग को महिलाओं से जोड़कर और लड़कों के लिए नीले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल शुरू हो गया।