संसद के मॉनसून सेशन में कोरोना वायरस पर बहस के दौरान मोदी सरकार के मंत्री रामदास आठवले ने अपने ही अंदाज में एक बार फिर से चर्चा की। सदन में कोरोना पर चर्चा करते हुए रामदास आठवले ने कहा कि मैंने बीते साल कोरोना के खिलाफ मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया में रैली की थी। इस दौरान मैंने ‘गो कोरोना गो’ के नारे लगाए थे, लेकिन वह मेरे ही पीछे पड़ गया और मुझे अस्पताल तक जाना पड़ गया। रामदास आठवले ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने इतना अच्छा काम किया है कि गांव-गांव में महिलाओं और बच्चे तक उनकी सराहना कर रहे हैं।

रामदास आठवले ने इस दौरान अपने ही अंदाज में कविता भी सुनाई और कहा कि पीएम मोदी का मन है सच्चा और वह नहीं हैं राजनीति में कच्चा। रामदास आठवले को संसद में चर्चा के दौरान अकसर कविता के अंदाज में चर्चा करने और मजाकिया लहजे में भाषण देने के लिए जाना जाता है। बीते साल जब उन्होंने गो कोरोना गो का नारा देते हुए रैली की थी तो उसकी भी चर्चा हुई थी। बता दें कि कुछ वक्त पहले ही वह भी कोरोना का शिकार हो गए थे और उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में 11 दिनों तक एडमिट रहना पड़ा था। रामदास आठवले ने इस दौरान मोदी सरकार की जमकर तारीफ की और कहा कि विपक्ष को टांग खिंचाई करने की बजाय सरकार का सहयोग करना चाहिए।

कांग्रेस के आनंद शर्मा बोले, पहली लहर से लेते सबक तो न होता यह हाल
वहीं राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि इस बार कोरोना की दूसरी लहर शहरों ही नहीं बल्कि गांव-गांव तक में पहुंच गई। यह किसी पर दोषारोपण की बात नहीं है बल्कि एक त्रासदी है। आज यूरोप और अफ्रीका के देशों में तीसरी लहर चल पड़ी है और हमारे यहां भी लोग डरे हुए हैं। कभी कहा जाता है कि अक्टूबर में लहर आएगी और कोई सितंबर की बात करता है। मेरी अपील है कि केंद्र सरकार आखिर एक बार ही यह आह्वान करे कि यह कब आएगी। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मैं किसी पर दोषारोपण के खिलाफ हूं, लेकिन यह जरूर कहूंगा कि यदि हम पहली लहर के आधार पर यदि हम सचेत रहते तो फिर दूसरी वेव में ऐसा हाल नहीं होता।