Saturday, December 14, 2024

राजस्थान की पिछली सरकार के दो बच्चों के नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मंजूरी की मुहर लगादी

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न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

हम दो हमारे दो वाली बातें आपने कई बार सुनी होगी और ये खबर भी कई बार सामने आयी है की देश में जनसँख्या नियंत्रण क़ानून लागू किया जायेगा जिसपर कई लोगो ने आपत्ति भी जताई तो वही कई लोगों ने इस क़ानून को सही बताया लेकिन नियम तो बनते ही तोड़ने के लिए ऐसा बोलने वाले देश में बने क़ानून की बिल कुल इज्जत नहीं करते है लेकिन सरकार भी भला कहा पीछे रहने वाली है.

इस नियम का पालन करवाने के लिए अब इससे सरकारी नौकरी से जोड़ दिया गया है जी हाँ सरकारी नौकरी पाना तो हर किसी का सपना होता है ये बात मौजूदा सरकार भली भांति जानती है इसलिए उन्होंने इससे जनसँख्या नियंत्रण क़ानून से जोड़ दिया है ताकि लोग इसका पालन सही तरीके से कर सके। चलिए पूरी खबर पर प्रकाश डालते है और आपको बताते है पूरी बात लेकिन।

आपको बता दे की हाल ही में राजस्थान में BJP की सरकार आयी है और राजस्थान की पिछली सरकार के दो बच्चों के नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मंजूरी की मुहर लगाते हुए कहा है कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी देने से इनकार करना भेदभावपूर्ण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भी इसी तरह के नियम को अपनी मंजूरी दी थी. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी देते हुए कहा कि ये सरकार कर नीति बनाने के अधिकार क्षेत्र में आता है।

वही आपको बता दे की जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्त और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के 12 अक्टूबर, 2022 के फैसले को बरकरार रखते हुए अपने फैसले में कहा कि सरकार इस प्रावधान के जरिए परिवार नियोजन को बढ़ावा देने की इच्छा रखती होगी. सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भी इसी तरह के नियम को अपनी मंजूरी दी थी. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी देते हुए कहा कि ये सरकार कर नीति बनाने के अधिकार क्षेत्र में आता है।

लिहाजा न्यायपालिका को इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है. पूर्व सैनिक RAM JI LAL जाट की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह नियम संविधान की मूल भावना के सहमत है. वही आपको बता दे की याचिकाकर्ता ने रक्षा सेवा से 31 जनवरी, 2017 को रक्षा सेवाओं से रिटायर होने के करीब सवा साल बाद 25 मई, 2018 को राजस्थान पुलिस में सिपाही पद के लिए आवेदन किया था. उसकी उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) के तहत इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि चूंकि 01 जून 2002 के बाद उसके दो से अधिक बच्चे हैं

लिहाजा वह इस नौकरी के लिए अयोग्य है. देखिये जनसँख्या नियंत्रण क़ानून लग्न जरुरी भी है क्यूंकि इससे देश में लोगो को रोजगार की प्राप्ति होगी और लोगो को अपना जीवन यापन के लिए बहार देश में पलायन भी नहीं करना पड़ेगा और देश का GDP भी मजबूत होगा। इसलिए ये नियम राष्ट्र हित में गिना जायेगा जिससे सबका साथ सबका विकास वाली बात सही साबित होगी।

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