रूस ने भारत को भरोसा दिया है कि वो यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बसों के जरिए निकालेगा। रूस के टॉप मिलिट्री जनरल ने शुक्रवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के खार्कोव और कुछ अन्य शहरों में फंसे भारतीयों और अन्य विदेशियों को निकालने के लिए 130 बसें तैयार हैं।
रूसी नेशनल डिफेंस कंट्रोल सेंटर के प्रमुख कर्नल-जनरल मिखाइल मिजिंत्सेव का यह बयान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने के बाद आई है। जिसमें पीएम मोदी ने पुतिन से यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की थी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा था कि लगभग 8,000 भारतीय, मुख्य रूप से छात्र, यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
जनरल मिखाइल मिजिंत्सेव के हवाले से सरकारी TASS समाचार एजेंसी ने कहा, ‘भारतीय छात्रों और अन्य देशों के नागरिकों को निकालने के लिए आज सुबह 6 बजे से बेलगोरोद क्षेत्र में नेखोटेयेवका और सुद्झा चौकियों से कुल 130 बसें खार्कोव और सुमी के लिए प्रस्थान करने के लिए तैयार हैं।
मिजिंत्सेव ने कहा कि अस्थाई आवास और विश्राम के लिए चौकियों पर जगह बनाई गई है। शरणार्थियों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दवाओं के भंडार के साथ वहां मोबाइल क्लीनिक भी स्थापित किए गए हैं। जनरल ने कहा कि यूक्रेन से निकाले गए लोगों को बेलगोरोड शहर ले जाया जाएगा और फिर बाद में रूसी सैन्य हवाई जहाजों के जरिए हवाई मार्ग से उनकी मातृभूमि को भेज दिया जाएगा।
गुरुवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा सहित क्षेत्र के देशों के साथ प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहा है। 24 फरवरी से यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को बंद किए जाने के बाद भारत यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों जैसे रोमानिया, हंगरी और पोलैंड से विशेष उड़ानों के माध्यम से अपने नागरिकों को निकाल रहा है।