आज मंगलवार को बीपीसीएल ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि डेटा रूम सहित भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में सरकार की हिस्सेदारी के विनिवेश के संबंध में सभी गतिविधियां बंद की जा रही हैं।BPCL disinvestment: सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) का प्राइवेटाइजेशन (privatization) रोकना पड़ रहा है। दरअसल, खरीदार नहीं मिलने के कारण सरकार को बीपीसीएल के प्राइवेटाइजेशन को रोकना पड़ा। केंद्र ने हाल ही में बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए वर्तमान ईओआई प्रक्रिया को बंद कर दिया था। अब आज मंगलवार को बीपीसीएल ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि डेटा रूम सहित भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में सरकार की हिस्सेदारी के विनिवेश के संबंध में सभी गतिविधियां बंद की जा रही हैं।
53% हिस्सेदारी बेचने की थी योजना?
सरकार की BPCL में 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पहले सरकार समूची हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही थी। हालांकि, बाद में ऐसी खबरें आई थीं कि सरकार हिस्सेदारी बेचने की योजना में बदलाव कर सकती है। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि सरकार 25-30 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। अब बोलीदाताओं के पीछे हटने से सरकार की योजना को झटका लगा है।
क्या कहना है सरकार का?
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के अनुसार, कोरोनोवायरस महामारी और भू-राजनीतिक स्थितियों ने दुनिया भर के सेक्टर्स खासकर तेल और गैस उद्योग को प्रभावित किया है। DIPAM के मुताबिक, “ग्लोबल एनर्जी मार्केट में मौजूदा परिस्थितियों के कारण, अधिकांश क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंटरेस्टेड पार्टीज) ने बीपीसीएल के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया को जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की है।” दीपम ने कहा कि विनिवेश पर जीओएम बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए मौजूदा ईओआई प्रक्रिया को रोकने के लिए सहमत हो गया था और क्यूआईपी से प्राप्त ईओआई को रद्द कर दिया जाएगा।