सहरसा सदर अस्पताल दलालों और बिचौलियों का अड्डा बना हुआ है. ये लोग अस्पताल में मरीजों को स्लाइन चढ़ाने से लेकर इंजेक्शन तक लगाते हैं. इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन ने चुपी साधी हुई है.
‘दलालों का कब्जा’
सहरसा सदर अस्पताल बिचौलियों और दलालों का अड्डा बना हुआ है. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से लेकर मरीज भर्ती वार्डों तक बिचौलियों और दलालों का बोलबाला है. अस्पताल में अक्सर इन्हें मंडराते देखा जा सकता है.
मरीजों की जान से खिलवाड़
दलाल अस्पताल में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन से लेकर पानी चढ़ाने का काम भी करते हैं. हैरत की बात ये है कि अस्पताल प्रशासन पूरे मामले पर मौन है. इस मामले को लेकर लोग लगातार सवाल उठा रहे है कि अस्पताल प्रशासन के बिना संज्ञान के कोई बाहरी व्यक्ति इस तरह कैसे मरीजों का इलाज कर सकता है.
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब जिले के कहरा प्रखंड धीरेंद्र यादव अपने क्षेत्र के एक मरीज का हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे. यहां एक दलाल मरीज को स्लाइन चढ़ा रहा था. पार्षद ने शख्स से बातचीत की तो उसकी सच्चाई निकलकर सामने आ गई. उक्त शख्स स्वास्थ्यकर्मचारी नहीं बल्कि दलाल है.
ताक पर सदर अस्पताल की साख
सहरसा सदर अस्पताल कोसी इलाके का पीएमसीएच कहा जाता है. ऐसे में अस्पताल में इस तरह के मामले गंभीर और चौकान्नेवाले हैं. दूर- दराज से ग्रामीण यहां इलाज कराने आते हैं. ऐसे में शिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की जगह दलालों और बिचौलियों का मरीजों का इलाज करना सदर अस्पताल की साख और सेवाओं पर सवालिया निशान खड़ा करता है.