न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
आज यानि 16 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान कर दिया गया है। जिसमे बताया गया है कि देश में 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे और 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने आएँगे। तो इसी के साथ ही पुरे देशभर में आदर्श आचार सहिंता भी लागू कर दी गयी है। आखिर आदर्श आचार संहिता क्या होता है और इसे लागू करने से किन-किन चीज़ों पर पाबंदी लग जाती है। इन सारे सवालों का जवाब इस खबर के मध्याम से जानेंगे विस्तार से…
आदर्श आचार संहिता क्या होता है ?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं जिसे हम आचार संहिता के नाम से जानते हैं। संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों का आयोजन चुनाव आयोग का सांविधिक कर्तव्य है। आदर्श आचार संहिता को चुनाव आयोग द्वारा लागू किया जाता है जब चुनाव तारीखों की घोषणा की जाती है। चुनाव तारीख की घोषणा वाले दिन से लेकर चुनाव पूरा होने तक इसे लागु रहने दिया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में लागू होता है और जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में इसे लागू किया जाता है।
अगर कोई व्यक्ति,राजनीतिक दल या फिर कोई उम्मीदवार इस संहिता का उल्लंघन करता है तो उसे चुनाव आयोग के नियमानुसार कड़ी सजा दी जाती है। यहां तक कि कोई भी संगठन अपनी उपलब्धियों के बारे में खास तौर से विज्ञापन करता है या फिर नई सब्सिडी की घोषणा करता है तो इसे भी अचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।
अचार संहिता लागू होने से किन-किन चीज़ों पर लगती है पाबंदी ?
1. सरकारी चीजों का प्रचार के लिए नहीं कर सकते इस्तेमाल। जैसे – सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी इत्यादि।
2. कोई भी पार्टी जाति या धर्म के आधार पर जनता से वोट नहीं मांग सकती है।
3. सत्ताधारी पार्टी ने अपनी उपल्बिधियों वाले जो होर्डिंग/विज्ञापन सरकारी खर्च से लगवाएं हैं, उन सभी को तुरंत हटा दिया जाएगा।
4. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खजाने से पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा सकता है।
5. सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।