इस दुनिया में कई तरह की अजीबो गरीब चीज़े है ,जिनके बारे में सुनकर लोग अचंभित हो जायेंगे और उसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझेंगे। कई मंदिर और विचित्र जगहों के बारे में आपने जरूर सुन रखा होगा जहाँ पर कई तरह के चमत्कार होने की बात सामने आयी है पर क्या आपको एक ऐसी मंदिर के बारे में पता है जहाँ पर मूर्तियां आपस में बातें करती है, चौकियें मत बिलकुल सही सुना आपने, मूर्तियां बोलती है ऐसी ही एक रहस्यमयी मंदिर का विवरण देंगे विस्तार से जिसके बारे में जानकर वाकई आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएगी
इस धरती पर जहा ईश्वर के होने का लोग साक्ष्य ढूंढ़ते है, साइंटिस्ट खोज में लगे रहते है, वही पर कुछ जगहों के बारे में जानकर काफी हैरानी सी होती है जो आम इंसान की सोच से बहुत परे होती है ,इन सब चीजों को देखकर दिमाग कई बार सुन्न सा हो जाता है. वैसे तो सभी मंदिरों में पत्थर की मूर्तियां होती है लेकिन यदि कहा जाए की मूर्ति बोलती है तो शायद इस बात पर भरोसा करना मुश्किल होगा. और ये मंदिर है बिहार में जहाँ देवी माँ की एक ऐसी मंदिर है जहां मूर्ति तो पत्थर की है लेकिन वह आपस में बातें करती है., इसे अंधविश्वास कहे या देवी का चमत्कार कहें. लेकिन यह बात बिल्कुल सही है. जी हाँ बिहार के बक्सर में स्थित है राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर, जिसे देखकर भगवान के होने का पूर्ण रूप से अहसास होता है. जहां प्रवेश करते ही भक्तों को देवी की शक्तियों का आभास होने लगता है और ऐसा लगता है की माता रानी आसपास मौजूद है। ये मंदिर करीब 400 साल पुराना है जिसका निर्माण प्रसिद्ध तांत्रिक भवानी मिश्र ने किया था. वही आपको बता दे की तंत्र साधना के लिए राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में साधकों की हर मनोकामना पूरी होती है. इस वजह से तांत्रिकों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है और देर रात तक साधक मंदिर में साधना करते रहते हैं. मंदिर में काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी आदि दस महादेवियों की भी मूर्तियां हैं.
और सबसे ज्यादा विचित्र और रोचक बात तो ये है की इस मंदिर कि, की यहां मूर्तियां आपस में बातें करती हैं. वहीं, यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि, रात में जब चारों ओर शांति रहती है तब यहां किसी के बोलने की आवाजें सुनाई देती हैं. और मिली जानकारी के अनुसार, यह कोई वहम नहीं है इस मंदिर के परिसर में कुछ शब्द गूंजते रहते हैं और तंत्र साधना से ही यहां माता की प्राण प्रतिष्ठा की गई है.
इस मंदिर में बंगलामुखी माता, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव मातंगी भैरव की प्रतिमा भी स्थापित की गई हैं. साथ हीं, मंदिर परिसर में कुछ न कुछ अजीब जरूर है, लेकिन वो क्या है इससे आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है.कई तरह के शोध होने के बावजूद लोग इस मंदिर के रहस्य पर से पर्दा नई उठवा पाए है। हलाकि कुछ लोग इससे अंधविश्वास का नाम देते है तो कुछ भक्ति और आस्था का, जिसमे इसे ईश्वर की महिमा समझी जाती है लेकिन सबकी अपनी अपनी राय है इस जगह को लेकर। और मान्यताओं के अनुसार यहाँ देवी माँ स्वयं जागृत है तो लोगों की इसपर बहुत ज्यादा आस्था और भाव टिकी हुई है।