Monday, December 23, 2024

एक मंदिर है ऐसी पुरानी ,क्या जानते है आप मेहंदीपुर बालाजी की कहानी। .

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आपने कई तरह के प्राचीन मंदिरो और तीर्थों की कहानी सुनी होगी ,जिसका अपना एक अलग ही महत्व है ,कई तरह के मंदिरो को आप जानते होंगे जिसका अपना इतिहास है और अलग अलग तरह के वहां पर चमत्कार होते है ऐसी धारणा है। पर क्या आपने मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का नाम सुना है जहाँ पर होता है भूत प्रेत का सर्वनाश वो भी साक्षात् बालाजी महाराज के हाथ ,जी हाँ चौकिये मत ये बिलकुल सच है ये प्राचीन मंदिर राजस्थान में है

राजस्थान के दौसा जिले के नजदीक दो पहाड़ियों के बीच है यह मंदिर. इस मंदिर में आपको ऐसी विचित्र परंपराएं व मान्यताएं देखने को मिलेंगी, जिससे आप हैरत में पड़ जाएंगे.मेहंदीपुर बालाजी मंदिर स्थित है राजस्थान के मेहंदीपुर में जहाँ पर बालाजी महाराज के रूप में स्वम विराजमान है हनुमान जी ,जी हाँ और यहाँ पर उन्हें प्रेतराज महाराज भी कहते है लोग ,इस मंदिर की सबसे खास बात ये है की आप यहाँ से अपने साथ कुछ भी वापस लेकर नहीं जा सकते है ऐसी मान्यता है की आप अपने साथ यदि कुछ वापस लेकर जाते है तो साथ में बुरी आत्माएं या दुस्ट हवा बयार साथ हो लेती है ,इसलिए वहां से कुछ साथ में लाना वर्जित माना जाता है। खैर यहाँ पर बहुत से रूल्स और रेगुलेशन बनाई गयी है लोगों के लिए, जिन्हे हर किसी को फॉलो करना चाहिए। मेहंदीपुर बालाजी में लोग भूत और प्रेत-बाधाओं से मुक्ति के लिए दूर-दूर से अर्जी लगाने के लिए आते हैं. यहां ऐसे लोगों की लंबी भीड़ लगी रहती है, जोकि प्रेत बाधाओं से परेशान हैं. प्रेत-बाधाओं से मुक्ति के लिए यहां हर रोज 2 बजे कीर्तन होता है. कीर्तन में जिन लोगों पर नकारात्मक साया या प्रेत बाधाओं का असर होता है उसे दूर किया जाता है। यहां बालाजी को लड्डू, प्रेतराज को चावल और भैरों को ऊड़द का भोग चढ़ता है. ऐसे लोग जिनपर प्रेत बाधाओं का साया होता है. वे इस प्रसाद को खासकर अजीब हरकतें करने लगते हैं.इस मंदिर से आप प्रसाद के साथ ही कोई भी खाने-पीने की या अन्य चीजों को भी अपने साथ लेकर नहीं जा सकते हैं. इसके पीछे का रहस्य यह है कि, ऐसा करने से नकारात्मक या प्रेत बाधाओं का साया आपके ऊपर आ सकती है.

मेहंदीपुर बालाजी से जुडी है कई बातें जिसमे कई राज छुपे है। जैसे मेहंदीपुर बालाजी की बाईं छाती में एक छेद है, जिससे लगातार जल बहता है. लोक मान्यताओं के अनुसार इसे बालाजी का पसीना कहा जाता है.बालाजी के ठीक सामने भगवान राम और माता सीता की भी प्रतिमा है. मूर्तियों के आमने-सामने होने का रहस्य यह है कि बालाजी हमेशा राम-सीता के दर्शन करते रहते हैं। मेहंदीपुर बालाजी में आने वाले भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. जो भी भक्त यहां आते हैं, उन्हें पूरे एक सप्ताह तक लहसुन, प्याज, मासांहार भोजन और मदिरा का सेवन बंद करना पड़ता है।

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