किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा में सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किए गए है। ट्रैक्टर-ट्रॉली से प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं प्रदेश में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 50 कंपनियों की तैनाती की गई है। पुलिस की लिंक मार्गों पर भी भारी तैनाती है।
हरियाणा पुलिस ने किसान संगठनों के दिल्ली कूच आंदोलन को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पंजाब सीमा पर तीन लेयर की पुलिस सुरक्षा रहेगी । इनमें सबसे पहले बीएसएफ के जवान होंगे और उनके पीछे आरएएफ और तीसरी लेयर में हरियाणा पुलिस के जवान हथियार लेकर तैनात होंगे। पंजाब के साथ सटे बार्डर को सील करने के अलावा लिंक रोड पर भी पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। चेकिंग और अनुमति के बाद ही 13 फरवरी को वाहनों का हरियाणा में प्रवेश हो सकेगा।
प्रदेश में कानून व्यवस्था मजबूत रखने के लिए 15 जिलों में धारा-144 लगाई गई है। इसके तहत ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए किसी भी प्रकार के प्रदर्शन या फिर मार्च को लेकर प्रतिबंधित किया गया है। खुफिया विभाग के कर्मचारी प्रदेशभर में पल-पल की जानकारी हासिल करके मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया के माध्यम से गलत जानकारी डालने वाले लोगो पर सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल नजर रख रहा है। हरियाणा पुलिस ने कड़ी चेतावनी जारी कर दी है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया को लेकर पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के कंटेंट अथवा वीडियो को बिना पुष्टि के शेयर न करें।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कुंडली, बड़ी, बहादुरगढ़ और साथ लगते विभिन्न औद्योगिक संगठनों ने भी प्रशासन से गुजारिश की है कि धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, क्योंकि पिछली बार के धरना-प्रदर्शन से उनको भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विभिन्न किसान संगठनों ने भी पुलिस-प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वे प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे। ट्रैक्टर-ट्राली को लेकर इन किसान संगठनों ने अपील भी की है कि यह खेतों में चलाने के लिए हैं न कि किसी प्रकार के प्रदर्शन के लिए।