न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
आपने मेट्रो को पुल पर चलते तो देखा ही होगा और शायद अंडरग्राउंड मेट्रो में सफर भी किया गया होगा। लेकिन शायद ही आपने अंडरवाटर मेट्रो के बारे में सुना हो। दरअसल हाल ही में कोलकाता मेट्रो ने इतिहास रच दिया है। कोलकाता मेट्रो ने इतिहास रच दिया है। ये पहली बार है जब देश में कोई मेट्रो नदी में बनी सुरंग से होकर निकली हो।
नदी के अंदर देश की पहली रेल परिवहन सुरंग में मेट्रो का आज उद्घाटन हुआ . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत के पहले अंडरवाटर मेट्रो टनल का उद्घाटन किया . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोलकाता में हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाये जाने के साथ भारत में नदी के नीचे पहली सुरंग भी यातायात के लिए खुल जाएगी.
कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनी यह सुरंग, हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच दो स्टेशनों को जोड़ेगी. जानकारी के लिए बता दें, ये वॉटर टनल हुगली नदी के नीचे बनाई गई है। यहां जमीन से 33 मीटर और हुगली नदी की सतह से 13 मीटर नीचे 520 मीटर लंबी टनल में दो ट्रैक बिछाए हैं।
कुल 16.55 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है। अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी। देश में इंजीनियर की मिसाल बनने जा रही इस टनल से कोलकाता वासियों के ना केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्हें आरामदायक सफर भी मिलेगा। कोलकाता को मिलने वाली मेट्रो की ये सौगात लाखों लोगों को सीधा फायदा पहुंचाएगी।
वहीं इस मेट्रो रूट पर चार स्टेशन हैं, जिनमें एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत करीब 520 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है। ये सुरंग पूर्वी हिस्से में साल्ट लेक सेक्टर V को कवर करते हुए पश्चिम में हावड़ा मैदान तक नदी के किनारे तक जाती है। अधिकारियों के मुताबिक, अंडरवाटर मेट्रो में लोगों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी. साथ ही ये भी कहा गया है कि टनल में पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकती.
मेट्रो की खासियत
मेट्रो रेल के मुताबिक, इस कॉरिडोर की पहचान 1971 में शहर के मास्टर प्लान में की गई थी. मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा, ‘हावड़ा और कोलकाता, पश्चिम बंगाल के दो सदियों पुराने ऐतिहासिक शहर हैं और यह सुरंग हुगली नदी के नीचे से इन दोनों शहरों को जोड़ेगी आपको बता दें कि देश की पहली मेट्रो भी कोलकाता में ही शुरू की गई थी। इसकी शुरुआत साल 1984 में की गई थी। वहीं अगर दिल्ली की बात करें तो यहां साल 2002 में इसकी शुरुआत हुई थी। दिल्ली में मेट्रो का नेटवर्क सबसे बड़ा माना जाता है