बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया । अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंग रेप केस में उम्र कैद की सजा सुनाए सभी आरोपियों को रिहा कर दिया था दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी इसी का फैसला आना बाकी था
जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जवल भुयन की बेंच ने इस पर फैसला सुनाया है पिछले साल 12 अक्टूबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था आपको बता दे इस मामले पर आधारित में लगातार 11 दिन तक सुनवाई हुई थी सुनवाई के दौरान केंद्र और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा को माफ करने से जुड़े ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश किए थे
जहां गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को सहित बताया था समय से पहले दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल भी उठाए थे हालांकि कोर्ट ने कहा था कि वह सजा माफी के खिलाफ नहीं है उन्हें यह साबित करना होगा कि दोषी कैसे माफी के योग्य हैं
जानते हैं पूरा मामला
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था बता दे इस ट्रेन से कारसेवक लौट रहे थे जहा कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी
जिसके बाद दंगे भड़क गए थे दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और अपने परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थी
बिलकिस बानो और उनके परिवार जहां छुपा था वहां 3 मार्च 2002 को 20 से 30 लोगों की भीड़ में तलवार और लाठियां से हमला कर दिया था इस भीड़ में शामिल सभी आरोपियों ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया उस महीने बिलकिस बानो 5 महीने की गर्भवती थी साथ ही उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे
इस घटना पर नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे इस मामले के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार कर लिया गया था मामले का ट्रायल अहमदाबाद में शुरू हुआ था जिसके बाद में बिलकिस ने चिंता जाताई है कि यहां मामला चलने से गवाहों को डराया धमकाया जा सकता है और सबूत के साथ छेड़छाड़ भी की जा सकती है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अहमदाबाद से मुंबई ट्रांसफर कर दिया
21 जनवरी 2008 को सीबीआई कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्र कैद की स्पेशल कोर्ट ने सात दोषियों को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया जबकि एक दोषी की मौत ट्रायल के दौरान हो गई जहां बाद में मुंबई हाई कोर्ट में भी दोषियों की सजा को बरकरार रखा 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से बिलकिस बानो को ₹50 लाख का मुआवजा देने का भी आदेश दिया साथ ही उन्हें नौकरी और घर देने का आदेश दिया ।