Sunday, December 22, 2024

बिहार का राजनीतिक बदलाव अब यूपी की राजनीति में दिखा असर , विपक्ष की बढ़ी मुश्किलें..

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -

बिहार का राजनीतिक बदलाव अब यूपी की राजनीति में भी अपना असर दिखाएगा। विपक्ष की जहां मुश्किलें नजर आ रही है , वहीं अब OBC में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी आबादी कुर्मी वोट बैंक को रिझाने में भाजपा को आसानी हो सकती है, हालांकि यह अब समय बताएगा कि भाजपा के लिए नीतीश कितने फायदेमंद होंगे। लेकिन वही अब इस बात का भी अंदाजा लगया जा रहा है कि विपक्ष की मुश्किलें अब बढ़ेंगी।

आपको बता दे की यूपी में OBC फैक्टर की बड़ी भूमिका होती है। इसलिए सभी पार्टियों की नजर इन पर ही रहती है। प्रदेश में लगभग 25 करोड़ की आबादी में 54 प्रतिशत पिछड़ी जातियां हैं। इनमें मुस्लिम समाज के अंतर्गत आने वाली पिछड़ी जातियों की हिस्सेदारी लगभग 12 प्रतिशत मानी जाती है।

अगर मुस्लिम समाज की पिछड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों की कुल आबादी से हटा दिया जाए तो हिंदू आबादी में लगभग 42 प्रतिशत पिछड़ी जातियां आती हैं। इनमें सबसे अधिक 20 प्रतिशत यादव और दूसरे नंबर पर लगभग 9 प्रतिशत कुर्मी हैं। प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में दो दर्जन से अधिक सीटें ऐसी हैं, जिन पर कुर्मी मतदाताओं की संख्या चुनावी परिणामों को भावनात्मक रूप से प्रेरित करता है।

इस समय प्रदेश में भाजपा और गठबंधन के 8 सांसद कुर्मी समाज से ही आते हैं। वही भाजपा ने कुर्मियों को साधने के लिए प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह,आशीष सिंह पटेल, राकेश सचान, संजय गंगवार को मंत्रिमंडल में, शामिल किया हुआ है जहा केंद्र में यूपी के महराजगंज से सांसद पंकज चौधरी और मिर्जापुर से सांसद व अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिय़ा पटेल भी मंत्री हैं।

इनके अतिरिक्त भी अन्य पिछड़ी जातियों को केंद्र से लेकर प्रदेश के मंत्रिमंडल में और भाजपा के संगठन में भागीदारी दी गई है। तो माना जा रहा है कि यूपी में कुर्मी वोट साधने के लिए नीतीश फैक्टर भले ही कार्यकारी साबित न हो, लेकिन विपक्ष की PDA की गणित को बिगाड़ने में नीतीश का नाम प्रभावकारी साबित होगा।

नीतीश कुमार की राजग में वापसी करके भाजपा ने सपा के PDA पर हमला बोलने के लिए एक प्रधान भाषण देने के लिए खड़ा कर दिया है, वहीं इंडिया गठबंधन पर भी तीखे हमले करने वाले दिग्गज नेता का व्यवस्था कर लिया है।

नीतीश के साथियों में सबसे कद्दावर वक्जा केसी त्यागी ने जिस तरह नीतीश को इंडिया का संयोजक न बनने देने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है, वह यह बताने के लिए सक्षम है कि चुनाव के दौरान भाजपा के बजाय नीतीश खेमे से ही कांग्रेस को पिछड़ा विरोधी साबित करने के लिए आरोपों की बौछार होगी।

आपका वोट

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...
यह भी पढ़े
Advertisements
Live TV
क्रिकेट लाइव
अन्य खबरे
Verified by MonsterInsights