बिहार की राजनीति में इन दिनों उथल पुथल जारी है और अब पटना से लेकर दिल्ली तक मंथन चल रहा है.जहा अब ऐसा होता नजर आ रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर यू-टर्न लेकर बीजेपी के साथ अपनी सरकार बनाने वाले हैं.आपको बता दे की आज BJP ने पटना ऑफिस में 4 बजे अपने विधायकों और सांसदों के साथ मीटिंग करने वाली है जहा सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया गया है.
इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े भी शामिल होंगे .तो वही BJP लोक सभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ बिहार के राजनीतिक को लेकर भी चर्चा करेगी. जहा विनोद तावड़े ने कहा की , “यह बिहार की बैठक है जिसमें सभी पदाधिकारी,सभी विधायक, सांसद आएंगे और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी.
वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने भी सियासी संकट से निपटने के लिए आज 1 बजे तेजस्वी यादव के सरकारी आवास 5 सर्कुलर रोड आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई है. जबकि, नीतीश कुमार 28 जनवरी, यानि रविवार को अपने नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे. जनता दल यूनाइटेड विधायक दल की बैठक के बाद शायद नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं और कल शाम यानि सोमवार की सुबह शपथ ग्रहण कर सकते है.
इससे पहले कल दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में पदाधिकारी ने बिहार पर काफी चर्चा भी की. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने 25 और 26 जनवरी को बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ मंथन किया ताकि सियासी नफा नुकसान का भी आंकलन किया जा सके. जहा केंद्रीय मंत्री और फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि उनके लिए नीतीश कुमार के दरवाजे हमेशा के लिए बंद रहेंगे लेकिन केंद्रीय सरकार का हर फैसला मंजूर होगा.
अभी भी बीजेपी नीतीश को लेकर खुलकर बोलने से परहेज कर रही है इसीलिए बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी और पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी दिल्ली से मंथन के बाद पटना आए तो यही बोले कि, 2024 को लेकर बैठक हो रहीं हैं. इस बीच सूत्रों से खबर आई कि, कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं लेकिन बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि किसी भी हालात के लिए हमारे सभी विधायक एकजुट हैं.
वहीं नीतीश के पाला बदलने की खबरों के बीच RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव काफी चिन्तित नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि, लालू ने नीतीश कुमार को करीब 5 बार फोन किया लेकिन नीतीश ने लालू का फोन नहीं उठाया जिससे नीतीश कुमार ने साफ आदेश दे दिया है कि, वो बीजेपी के साथ अपनी सरकार बनाएंगे
अगर हम बिहार विधानसभा की बात करें तो 243 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 122 विधायकों का है. लालू यादव के नेतृत्व में आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, तो वहीं बीजेपी 78 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 45 विधायकों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी है. कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं. आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट, तीनों के विधायकों की संख्या जोड़ लें तो कुल सदस्य संख्या 114 पहुंचती है जो बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से आठ कम है.
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की बात करें तो गठबंधन की अगुवाई कर रही पार्टी के 78 विधायक हैं. जीतनराम मांझी की अगुवाई वाली हम पार्टी के 4 विधायक हैं. नीतीश कुमार को हटा करके देखा जाये तो NDA के विधायकों की संख्या 82 पहुंचती है.असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का भी एक विधायक है जो न तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन में.बता दे की नीतीश कुमार की पार्टी एक ऐसी पार्टी है जी जिधर का रुख कर ले उधर आसानी से सरकार बन जाएगी.