TMC नेता महुआ मोइत्रा की बढ़ी मुश्किलें जी हां पहले उन्हें लोक सभा से निकाला गया तो वही अब उन्हें अपना सरकारी बंगला भी खाली करने को कहा गया है । संपदा निदेशालय ने मंगलवार को इस संबंध पर निर्देश दिया है और कहा गया है की बंगला खाली करने के लिए 1 महीने का समय दिया जा रहा है और साथ ही कोर्ट जाने का मौका भी दिया गया लेकिन महुआ मोइत्रा को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली । वही अगर उन्होंने बंगला खाली नहीं किया तो सरकार द्वारा उनसे बलपूर्वक खाली कराया जायेगा ।
जहा इससे पहले सरकारी बंगले का आवंटन निरस्त करने के बाद महुआ मोइत्रा को 7 जनवरी तक घर खाली करने के लिए कहा गया था तो वहीं अगर महूआ मोइत्रा घर खाली नहीं करती हैं तो 8 जनवरी को संपदा निदेशालय द्वारा एक नोटिस जारी किया गया था जिसमे तीन दिन के अंदर जवाब भी मांगा गया था की महुआ मोइत्रा ने सरकारी आवास खाली क्यों नही किया जिसके बाद 12 जनवरी को महुआ मोइत्रा को तीसरी बार नोटिस भेजा गया था
बता दे महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला बतौर सांसद सौपा गया था हालांकि 8 दिसंबर 2023 को महुआ मोइत्रा की संसदीय जाने के बाद इनका आवंटन भी रद्द कर दिया गया था तो वही अब संपदा निदेशालय ने महुआ मोइत्रा को मंगलवार को बंगले से हटाने का निर्देश दिया । साथ ही 9B टेलीग्राफ लीन टाइप का पांच बंगला खाली करने का आदेश दिया और साथ ही उन्हें नोटिस में यह भी कहा गया कि अगर महुआ मोइत्रा ने बंगला खाली नहीं किया तो उनसे बलपूर्वक खाली करवाया जाएगा
नोटिस के अनुसार संसदीय सदस्यता जाने के बाद अब वह इस बंगले के पात्र नहीं है जहां महुआ मोइत्रा ने कोर्ट का भी सहारा लिया लेकिन उन्हें वहां से भी कोई राहत नहीं मिला.
आपको बता दे की महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले का रुख किया था जहां 4 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने महुआ मोइत्रा से कहां की वे संपदा निदेशालय से अनुरोध करें साथ ही कोर्ट ने महुआ मोइत्रा से अपनी याचिका को वापस लेने की अनुमति दी और कहां की इस मामले के गुण दोष पर कोई कार्यवाही नहीं की है
इस मामले पर संपदा निदेशालय को फैसला लेना चाहिए कानून किसी को भी निकासी बेदखली से पहले नोटिस जारी करने का निर्देश देता हैं इसके बाद सरकार के कानून द्वारा याचीकर्ता को बेदखल करने के लिए कदम उठाता है