Saturday, December 21, 2024

लड़के से लड़की बनी ट्रांसजेंडर ,अब कर रही हैं इंसाफ की मांग

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लड़के से लड़की बनी ट्रांसजेंडर का मामला आया सामने…बॉयफ्रेंड के लिए लड़के ने किया था अपना जेंडर चेंज…अब हो रही है इंसाफ की मांग…

आपको बतादें की मध्य प्रदेश के इंदौर का एक मामला सामने आया है जहाँ बॉयफ्रेंड के लिए एक लड़के ने लड़की बनकर अपना जेंडर चेंज किया…जिसका नाम रजनी बताया जा रहा है…पर अब बॉयफ्रेंड ने उसे धोखा दे दिया है… धोखा मिलने के बाद रजनी कर रही हैं इंसाफ या इच्छामृत्यु की मांग…

आपको बतादें की इससे पहले 2023 में उत्तर प्रदेश की महिला जज ने भी इच्छामृत्यु की मांग की थी… पहले जान लेते है की भारत में इच्छामृत्यु को लेकर क्या कानून बनाये गए है… supreme court ने 9 मार्च 2018 में इच्छामृत्यु को मंजूरी दी थी… उस समय कोर्ट ने कहा था की संविधान के अनुछेद २१ के तहत जिस तरह व्यक्ति को जीने का अधिकार है उसी तरह गरिमा से मरने का बी अधिकार है…लेकिन आपको बतादें की ये शब्द हर किसी पर लागु नहीं होते है…केवल वो व्यक्ति जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे है उनपर लागु होता है…कोर्ट ने की मंजूरी थी थी जिसमे बीमार व्यक्ति का इलाज बंद कर दिया जाता है ताकि उसकी मौत हो सके…

चलिए जानते है की इच्छामृत्यु को लेकर भारत में क्या नियम और कायदे हैं… कौन इच्छामृत्यु के लिए आवेदन कर सकते है… और इन सबसे पहले ये जान लेते हैं की इच्छामृत्यु का मतलब आखिर क्या होता है…तो इच्छामृत्यु का मतलब होता है की किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा से मृत्यु देना…जिसमे डॉक्टर की मदद से उसके जीवन का अंत किया जाता है…ताकि उसे उसके दर्द से छूटकारा दिया जा सके…इच्छामृत्यु दो तरीके से दी जाती है पहला तरीका है एक्टिव यूथेनेशिया और दूसरा है पैसिव युथेशिया… एक्टिव युथेशिया में डॉक्टर ज़ेहरीली दवाई या इंजेक्शन देते है जिससे व्यक्ति की मौत हो सके…तो वहीँ पैसिव यूथेनेशिया में मरीज का इलाज रोक दिया जाता है…साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने पैसिव यूथेनेशिया को ही मंजूरी दी थी… इच्छामृत्यु उन्ही लोगो के लिए है जो किसी ऐसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हो जिसका इलाज संभव न हो और जिन्दा रहने में उन्हें बेहद कष्ट उठाना पड़ रहा हो…कोई मरीज़ इच्छा मृत्यु के लिए तभी आवेदन कर सकता है जब उसकी बीमारी असहनीय होगयी हो और उसी तकलीफ उठानी पड़ रही हो…ज्यादातर दुनिया के हर देशों में यही नियम है… हर व्यक्ति को इसकी इज़ाज़त नहीं है…इच्छामृत्यु के लिए लिखित आवेदन देना पड़ता है…मरीज और उसके परिजनों को इस बारें में पता होना चाइए…इसे लिविंग विल कहा जाता है…लिविंग विल की इज़ाजत तभी दी जाती है जब किसी व्यक्ति को इच्छामृत्यु चाइये और इसकी जानकारी उसके परिपरिवार का हो…

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