इन दिनों पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव काफी चर्चित है। इस गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है और साथ ही कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोप भी लगाए जा रहे है । बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के चारों और भटक रही है। संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना चुका है। वहीं महिलाओं द्व्रारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोप को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगा। याचिका में इस मामले की जांच और उसके बाद सुनवाई पश्चिम बंगाल से बाहर कराने की मांग की गई है।
वकील आलोक अलख श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका में संदेशखाली के पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से न निभाने के लिए कार्रवाई करने की भी मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ संदेशखाली मामले पर दायर याचिका को लेकर सुनवाई करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की खबर सामने आई है। बता दे की तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा को एक दिन पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। सबडिवीजन कोर्ट ने शिबू को हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। इनके खिलाफ संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।
जानकारी के अनुसार, संदेशखाली जाते वक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रोके जाने की खबर सामने आई थी। मजूमदार पुलिस कर्मियों के साथ झड़प में घायल हो गए है। संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं के तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने के बाद से तनाव भरा है।