अपराध यानि क्राइम। क्राइम से जुड़ी आपने कई किस्से और कहानियां सुनी होगी। लेकिन आज आपको एक ऐसे अपराध से रूबरू करवाने वाले है जिसे सुन कर आपकी रूह भी कांप उठेगी। एक ऐसा अपराध जो कि रिश्तों को शर्मसार कर देगा। ये घटना है आज से कई साल पहले की यानि की 2012 की।
‘शीना बोरा हत्याकांड’ एक ऐसा मर्डर केस जिसमें रिश्तों की गुत्थी सुलझाने और समझने में पुलिस को अपने दिमाग पर काफी जोर देना पड़ा। जब पुलिस इस केस को सुलझाती है तो परत दर परत कई राज खुलते हैं। जिसमें एक बेटी की कत्ल के आरोप में मुख्य आरोपी मां निकलती है। जी हाँ इस मर्डर मिस्ट्री पर एक डॉक्यूमेंट्री बनकर तैयार है जो ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। लेकिन इस हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने इस डॉक्यूमेंट्री को रिलीज करने से मना कर दिया है। आखिर ऐसा क्या हुआ था इस हत्यकांड में जिसे सीबीआई नहीं चाहती लोगों के बीच लाना। आइये जानते है विस्तार से…..
‘शीना बोरा मर्डर’ केस की मुख्य आरोपी ‘शीना की माँ इंद्राणी मुखर्जी है लेकिन इस मुंडेर के अलावा उनकी एक अलग ही पहचान है जी हाँ बड़े-बड़े उद्योगपतियों, सेलिब्रिटीज से लेकर राजनेताओं तक इंद्राणी मुखर्जी की पहुंच थी और उन्हें एक सेलिब्रिटी पर्सनालिटी भी माना जाता था। लेकिन इंद्राणी चर्चाओं में साल 2015 में आती हैं जब मुंबई पुलिस ने अगस्त 2015 में उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में उन्हें गिरफ्तार करती है।
इंद्राणी मुखर्जी के इतिहास की बात करें तो आपको बतादें इन्द्राणी मुखर्जी कम उम्र में सिद्धार्थ दास के नाम के प्रेमी के साथ शादी करती हैं और उससे उन्हें दो बच्चे होते हैं जिसमें लड़की का नाम शीना बोरा होता है तो लड़के का नाम मिखाइल बोरा। इंद्राणी और सिद्धार्थ दास 1986-1989 तक ही संबंध में रहे।
उसके बाद वह संजीव खन्ना से शादी करती हैं और बिजनेस करने की कोशिश करती हैं। लेकिन जब बात संजीव से भी नहीं जमी तो वो मुंबई आती हैं और पीटर मुखर्जी से शादी करती हैं जोकि पहले से शादी शुदा होते हैं और उनकी पहली पत्नी से दो बेटे रहते हैं।
ये तो थी इंद्राणी मुखर्जी की जानकारी अब आपको ‘शीना बोरा मर्डर’ केस की दास्ताँ बताते है। इंद्राणी मुखर्जी और उनके प्रेमी सिद्धार्थ दास की बेटी थीं शीना बोरा। शीना बोरा 24 अप्रैल 2012 से लापता थी लेकिन 23 मई 2012 को शीना बोरा का शव महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के जंगल से मिली। रायगढ़ के जंगल के पास स्थानीय लोगों को दफनाए गए बॉडी के कुछ पार्ट मिले जिसके बाद ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने शिना के शव को कब्र से बाहर निकाला और उसका पोस्टमार्टम कराया। लेकिन कुछ ठोस सबूत न मिलने के कारण और शव की पहचान न हो पाने की वजह से पुलिस ने उसे दोबारा दफना दिया। मुंबई में साल 2015 में शीना बोरा की हत्या का मामला दर्ज होता है और इस तरह से इस हत्या की पोल खुलती है। यह मामला पहली बार अगस्त 2015 में एक अन्य मामले में इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय की गिरफ्तारी के बाद सामने आया जिसके बाद जांच के दौरान, उसने अप्रैल 2012 में शीना बोरा की हत्या करने की बात कबूल की और कहा कि उसने उसके शव को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में फेंक दिया था।
ये मामला यही पर नहीं रुका क्योकिं ड्राइवर ने मुंबई पुलिस को बताया कि हत्या में शीना की मां इंद्राणी और संजीव खन्ना भी शामिल थे। ऐसे ही इस पुरे मामले का खुलासा हुआ तो वहीं CBI का कहना है की शीना की हत्या इसलिए हुई क्योंकि वह इंद्राणी से मुंबई में एक फ्लैट की मांग कर रही थी। इसके अलावा शिना मां इंद्राणी को बार-बार पैसे के लिए ब्लैकमेल किया करती थी। वहीं इंद्राणी मुखर्जी चाहती थी कि शिना के बारे में उनके वर्तमान पति और उनका परिवार उनके अतीत के बारे में नहीं जान पाए। इस वजह से इंद्राणी शीना को सबके सामने बहन बताया करती थी। इसी बात को लेकर शीना उन्हें धमकी दिया करती थी। इसके अलावा इंद्राणी और पीटर इस बात से भी नाराज थे कि शीना का अफेयर पीटर के बेटे राहुल से चल रहा था। इस वजह से इंद्राणी शीना को अपने रास्ते से हटाना चाहती थी।
इस मामले को लेकर कोर्ट में अब तक सुनवाई चल रही यही। इस केस में 60 से ज्यादा गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं तो वहीं शीना की माँ का कहना है की शीना अभी जिन्दा है इस लिए ये मामला और भी उलझता जा रहा है फ़िलहाल इस हत्या के सारे आरोपी जमानत पर बाहर है। इस बीच इस कहानी पर आधारित बनी वेब सीरीज पर रोक की मांग को लेकर सीबीआई ने मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है।
अब आगे ये देखना होगा कि क्या इस पुरे मामले को पुलिस और कोर्ट सुलझा पाएगी या ये कहानी ऐसे ही अधूरी रहेगी। या फिर यु कहें की ये वेब सीरीज आने के बाद ही शीना बोरा को न्याय मिलेगा।