Friday, December 27, 2024

IPL से डेक्कन चार्जर्स को हमेशा के लिए क्यों किया गया था बैन, जानें पूरी कहानी

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न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

IPL 2024 की शुरुआत 22 मार्च से होगी। पहला मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में एक से बढ़कर एक मुकाबले देखने को मिलते हैं और इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी। साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप का पहला संस्करण भारत ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में जीता।

इसके बाद ही इंडिया में टी-20 का क्रेज तेजी से बढ़ा, इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने आईपीएल की शुरुआत की। टी-20 विश्व कप के एक साल बाद ही इस लीग की शुरुआत हुई और देखते देखते ये दुनिया में खूब पसंद की जाने लगी।

आईपीएल की शुरुआत में इसमें कुल 8 टीमें शामिल थीं, जिसमें डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद भी एक टीम थी. पहला सीजन राजस्थान रॉयल्स ने जीता था. पहले संस्करण में डेक्कन की टीम के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट थे और इस टीम ने निराशाजनक प्रदर्शन किया. गिलक्रिस्ट की कप्तानी में ये टीम प्वाइंट्स टेबल पर 8वें स्थान पर रही थी.

हालांकि, आईपीएल का अगला सीजन भारत में लोकसभा चुनाव की वजह से साउथ अफ्रीका में खेला गया. इस सीजन भी गिलक्रिस्ट ही कप्तान थे और इंडिया के युवा खिलाड़ी रोहित शर्मा को उपकप्तान बनाया गया. टीम ने इस साल बेहतरीन प्रदर्शन किया. रोहित ने बल्ले और गेंद दोनों से अपना योगदान दिया और नतीजा ये रहा कि चार्जर्स दूसरे सीजन में चैंपियन बनने में कामयाब रही.

आईपीएल 2010 के दौरान भी डीसी का प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन वे सेमीफाइनल में ही हार गए थे। 2010 के बाद से ही हैदराबाद की इस फ्रेंचाइजी का बुरा वक्त चलने लगा, जब कुमार संगकारा को नया कप्तान नियुक्त किया गया। धीरे धीरे साल 2012 का भी वो समय आ गया, जब ये टीम पूरी तरह से दिवालिया हो चुकी थी।

कंपनी के मालिक के पास खिलाड़ियों को उनकी सैलरी देने के भी पैसे नहीं थे. इसका सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार को बताया जाता है. बीसीसीआई इस पूरे मामले पर अपनी नजर बनाए हुए थी और इसी कड़ी में बोर्ड की तरफ से 15 अगस्त को एक नोटिस भेज दिया गया, जिसमें खिलाड़ियों की सैलरी से लेकर और भी तमाम तरह के बिल बाकी थे।

बीसीसीआई ने डीसी को एक महीने की मोहलत दी थी और जो भी बिल बाकी था, उसके भुगतान की बात कही थी. इसके लिए बोर्ड ने एक महीने का समय दिया था लेकिन फ्रेंचाइजी ऐसा करने में नाकाम रही और इसी का नतीजा रहा कि बोर्ड ने डेक्कन चार्जर्स को हमेशा के लिए आईपीएल से बैन कर दिया.

इसके बाद ही आईपीएल में साल 2013 में एक नई फ्रेंचाइजी का जन्म हुआ, जिसे चेन्नई आधारित कंपनी सन टीवी ने नीलामी में खरीदा। बाद में इसे ही सनराइजर्स हैदराबाद के नाम से जाना जाने लगा और ये टीम साल 2016 में डेविड वॉर्नर की कप्तानी में चैंपियन भी बनी.

इन सबके बीच डीसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की और वहां पर कोर्ट ने फ्रेंचाइजी के हक में फैसला सुनाया और बीसीसीआई से 4800 करोड़ रूपए के साथ 10 प्रतिशत ब्याज देने की बात कही. हालांकि, इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने दोबारा से एक अपील डाली और जीत बीसीसीआई की हुई, कोर्ट ने 4800 करोड़ रुपए के बड़े अमाउंट को मात्र 35 करोड़ रुपए कर दिया था और इस तरह से दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड इतनी बड़ी राशि देने से बच गया.

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