अपराजिता
न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
आगे कुआँ, पीछे खाई ये कहावत तो आप सभी ने जरूर सुना होगा लेकिन इसको वास्तव में अगर कोई चरितार्थ करता है, तो वो है आजकल की राजनीती, जी हाँ आजकल अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के जेल जाने के चर्चे चारो तरफ फैले हुए है, क्यूंकि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री है और किसी मुख्यमंत्री का यूँ इस प्रकार जेल जाना केवल हमने फिल्मो में ही देखा है।
आपने फिल्म नायक जरुर देखा होगा उसमे जिस प्रकार से अनिल कपूर एक दिन के मुख्यमंत्री बनाये जाते है और पूरा सिस्टम उलट-पलट कर रख देते है ,जिसको देखते ही ऑडियंस के बिच तालियों की गरगराहट बजनी शुरू हो जाती है ,लेकिन लोग ये भी मानते है की ऐसा सिर्फ फिल्मो में ही होता है ,असल जिंदगी में ऐसा होना नामुमकिन सा लगता है।
जबसे केजरीवाल जेल गए है तबसे ये बात बिलकुल सही साबित होती है और इससे पता चलता है की असल जिंदगी में भी मंत्री को जेल जाना पड़ सकता है। और जबसे केजरीवाल जेल गए है उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल काफी एक्टिव हो गयी है और चारो तरफ अपने पति के छवि को साफ़ सुथरा करने में लगी हुई है पर वास्तव में वो ऐसा करने में कितना सफल हो पाती है,ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
सियासत का खेल …
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल इस समय तिहाड़ जेल में हैं। ईडी ने उनको गिरफ्तार करने के बाद पहले पूछताछ किया और फिर कोर्ट ने उनको तिहाड़ जेल भेज दिया। तिहाड़ जेल जाने के बाद तय है कि केजरीवाल भी अपने साथी मनीष सिसोदिया, सतेन्द्र जैन और संजय सिंह की तरह लंबे समय तक बाहर नहीं आ पाएंगे।
भले अभी आम आदमी पार्टी चिल्ला- चिल्लाकर कह रही हो कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे, लेकिन ये बहुत दिन तक संभव नहीं है ये बात हम सभी जानते है। अधिकारियों की मीटिंग लेना,फाइलों पर दस्तखत करना और योजनाओं की जानकारी लोगों को देना ये सीएम के कुछ जरूरी काम होते है।
और इनमें से हर काम के लिए दिल्ली के बड़े अफसर रोजाना जेल नहीं जा सकते- अगर जाना भी चाहें तो उनको हर बार कोर्ट की परमिशन लेनी होगी क्यूंकि कानून के हिसाब से हर किसी को चलना पड़ता है, चाहे वो मंत्री हो या फिर अन्य और ऐसा होना भी चाहिए। जेल में कुछ किताबें पढ़ने के लिए भी केजरीवाल को कोर्ट से परमिशन मांगनी पड़ी है तो फिर सरकार की गोपनीय फाइलें ऐसे कैसे जेल में रोजाना जा सकती हैं।
ऐसे में केजरीवाल को देर सवेर इस्तीफा देना ही पड़ेगा।इसके साथ ही ऐसी अटकलें भी लगायी जा रही है की केजरीवाल दिल्ली के मुख्यंमंत्री पद के लिए अपनी पत्नी सुनीता पर भरोसा दिखाएंगे और आपने देखा भी होगा की सुनीता लगातार केजरीवाल के जेल जाने के बाद से ही प्रेस कांफ्रेंस आदि कर बयानबाजी करती नजर आ रही है जिससे उनकी छवि जनता के समक्ष एक नेता की भी बन रही है ,और जल्द ही केजरीवाल को किसी और को सीएम बनाना ही पड़ेगा क्यूंकि उनपर भी कई दवाब बनाये जा रहे है।
अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो मोदी सरकार, किसी न किसी बहाने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करवा ही देगी।और राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद दिल्ली में बीजेपी का राज हो जाएगा, क्योंकि ये हम सब जानते है पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है और बाकी काम एलजी साहब की देख -रेख में होगा। इसके बाद आम आदमी पार्टी के लोगों के काम होने, नौकरिया मिलनी, ठेके मिलने सब बन्द हो जाएंगे। इसलिए पार्टी के बाकी नेता भी नहीं चाहेंगे कि ऐसा कुछ हो। अब सीएम कौन बनेगा ये सवाल फिर सामने आएगा – वही इस समय विधायक और मंत्री आतिशी मार्लिनी और सौरभ भारद्वाज आप में सबसे ज़्यादा पावरफुल नेता बनकर उभरे हुए है। अगर केजरीवाल उनको सीएम बनाते हैं तो हो सकता है कि कल वो हटने से इनकार कर दें।या फिर ये भी हो सकता है कि वे पार्टी तोड़कर बीजेपी के साथ मिल जाएं। वैसे भी राजनीति में कोई किसी पर भरोसा नहीं कर सकता।
कौन होगा दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री ?
अभी एक और चर्चा काफी तेज बनी हुई है, वो ये की केजरीवाल के बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल,सौरभ या फिर आतिशी ? क्यूंकि इन दोनों को ही उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है ,लेकिन यहाँ पर एक और सवाल उठ कर सामने आता है की आखिर केजरीवाल किसपे भरोसा दिखाएंगे ,क्यूंकि ये राजनीती है यहाँ पर कोई किसी का नहीं होता है ,और जाहिर सी बात है आतिशी और सौरभ के मुकाबले केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को ही पद देना ज्यादा पसंद करेंगे पर सुनीता जनता की भी पसंद बने ये तय करना भी जरुरी होगा।
अब केजरीवाल केवल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल पर ही भरोसा कर सकते हैं। सुनीता केजरीवाल भी अरविन्द के जेल जाते ही उनके सारे संदेश पढ़कर लोगों को सुना रहीं हैं, ताकि जनता धीरे धीरे उनको मन से स्वीकार कर ले। दिल्ली की रैली में आपने देखा ही होगा कि सुनीता कैसे केजरीवाल की स्टाइल में लोगों को संदेश दे रही थीं। लेकिन सुनीता केजरीवाल को सीएम बनाने में सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि सबसे ईमानदार पार्टी होने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी भी अगर सबसे करप्ट साबित हो चुके लालू यादव की तरह अपनी पत्नी को सीएम बनाएंगे तो लोग उनकी खिल्ली उड़ाएंगे।
आप के कार्यकर्ता आतिशी मार्लिनी और सौरभ भारद्वाज को सुनीता केजरीवाल से बड़ा नेता मानते हैं, भले सच्चाई ये है कि इन लोगों को भी केजरीवाल ने आगे बढ़ाकर बड़ा नेता बनाया है ।पर कुछ साल पहले इनको कोई जानता भी नहीं था।लेकिन जिस प्रकार से ED सभी पर कार्यवाही कर रही है उससे ये बात तो साफ़ है की अभी ED के रडार पर कई लोग है, शायद आप के भी कई नेता ,क्यूंकि इससे पहले भी आप के जाने माने नेता मनीष सिसोदिया जेल जा चुके है और अभी तक बाहर नहीं आये है,और यदि ED अब और किसी नेता को जेल में डालती है ,तब केजरीवाल लोगों के सामने विक्टिम कार्ड प्ले कर सकते है और कहेंगे की देखिए जी, ये बीजेपी वाले सबको फंसा रहे थे, और हो सकता है इसी आड़ में वो अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के लिए भी रास्ता साफ़ कर दे क्यूंकि अभी तक सुनीता की छवि साफ़ है और उनका किसी घोटाले आदि में नाम नहीं शामिल है ,इसलिए केजरीवाल कह सकते है की हम लोगों ने एक नया नेता आपके सामने लाया है ,जो कभी सरकार में नहीं रहा, ताकि उसको जेल न भेज पाएं। अब इसके लिए केजरीवाल जो कर रहे हैं, वो शायद आतिशी और सौरभ को भी समझ में नहीं आ रहा है।