न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
दुनिया के सामने इस समय बड़ी चुनौती ने मुंह खोल दिया है. किसी ने सोचा भी नहीं था कि अचानक उन्हें विश्व युद्ध (World War) का खतरा हो जाएगा. जहां एक तरफ रुस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) मे वार जारी है, तो वहीं दूसरी ओर इजरायल -ईरान मे अक्टूबर महीने से चल रहे तनाव ने दुनिया को दो खेमों मे बांट दिया है, उधर रुस ने दुश्मन देश यूक्रेन को लेकर पूरी दुनिया को वॉर्निंग भी दे दी थी कि जो भी उसके रास्ते में आएगा उसे भयंकर अंजाम भुगतने पड़ेंगे. ऐसे मे इन देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पूरी दुनिया तृतीय World War के खतरे का कयास लगा रही है.
क्या अमेरिका और चीन की जंग से शुरू होगा तीसरा World War
पिछले दिनों चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी (PLA) और उसके बाकी सभी सैन्य टुकड़ियां और सेनाओं ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea), पश्चिमी फिलिपीन सागर (West Philippine Sea) में कई जगहों और द्वीपों पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है. पारासेल आइलैंड में चीन ने 20 आउटपोस्ट बनाए हैं. वूडी और ट्रिटन आइलैंड पर नए पोजिशन बना रहा है. यहां पर चीनी सेना और कोस्टगार्ड के स्टेशन हैं. सुबी रीफ.पर चीन ने कब्जा किया है, वहां पर आर्टिफिशियल मिलिट्री बेस बना रखा है. जिसमें 3000 फीट का छोटा रनवे भी है. यहां भी चीनी सेना और कोस्टगार्ड का स्टेशन है.
क्यों शुरू होगी चीन और अमेरिका में जंग
चीन ताइवान का युद्ध छिड़ते ही अमेरिका ताइवान की मदद के लिए आएगा. उसके साथ नाटो देश आएंगे. तब चीन अपने मित्र देशों यानी उत्तर कोरिया, रूस, पाकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों के साथ मिलकर नाटो सेना से जंग लड़ेगा.
जैसा कि आपको मालूम है कि यूरोप और चीन में प्रॉक्सी वॉर (Proxy War) चल रहा है और अमेरिका यूरोपीय देशों की मदद कर रहा है. उधर चीन अपनी सेना को नए हथियार मुहैया करा कर. उनके प्रशिक्षण करवा रहा है. मिसाइलों के ट्रायल कर रहा है. नए रणनीतिक ढांचे तैयार किए जा रहे हैं.
चीन लगातार फाइनेंसियल मार्केट मूवमेंट कर रहा है. डेटा पॉलिसी में बदलाव ला रहा है. जानबूझकर ऑफशोर डॉलर बॉन्ड्स में डिफॉल्ट कर रहा है. अमेरिकी कॉन्सुलेट पर कॉर्पोरेट रेड्स डलवा रहा है. ऊर्जा, खाद्यान्न और सोने के सहारे युद्ध में मदद ले रहा है. इसलिए रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरा World War अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुई जंग के बाद होगा.
कौन किसके साथ होगा?
आंशकाएं जताई जा रही हैं कि अगर जल्दी ही युद्धविराम न हुआ तो इन देशों की आग पूरे विश्व में फैल जाएगी और तीसरे World War की शुरुआत हो जायेगी. ऐसा हुआ तो कुछ देश रूस का साथ देंगे और कुछ अमेरिका की तरफ होंगे. वहीं, एक तीसरा पाला भी बनेगा, जिसमें कुछ ऐसे देश होंगे, जिनका दोनों ही पक्षों से कुछ न कुछ वास्ता है और जो जंग न चाहते हुए भी उसका हिस्सा बन चुके होंगे. भारत भी इन्हीं में से एक हो सकता है.
तीसरा World War शुरू हुआ तो ये 10 देश होंगे सबसे सुरक्षित
1. ग्रीनलैण्ड– चारों तरफ समुद्र से घिरा यह डेनमार्क का स्वायत्तशासी क्षेत्र है। आर्कटिक और अटलांटिक महासागर के बीच पड़ने वाला यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से किसी भी गुट में शामिल नहीं है। परिणाम स्वरूप इसके जंग की चपेट में आने की संभावना न्यूनतम है।
2 . अंटार्कटिका– यह साल से अधिकांश समय पूरा बर्फ से ढका रहता है, जिसके चलते यहां रहना बहुत मुश्किल काम है। हालांकि, इसकी यह स्थिति इसे एक सुरक्षित जगह बनाती है।
3. दक्षिण अफ्रीका– स्थिर विदेश नीति और आधुनिक बुनियादी ढांचे के प्रति प्रतिबद्धता दक्षिण अफ्रीका को युद्ध के संभावित गुस्से से निपटने में सक्षम बनाती है।
4. स्विटजरलैण्ड– यह देश अपनी खूबसूरती के साथ ही कठिन पहाड़ी इलाके और पारंपरिक तटस्थता के लिए जाना जाता है। पहले दो World War में भी यह देश किसी गुट का हिस्सा नहीं था।
5. आइसलैंड– यह द्वीपीय देश अपने प्रचुर ताजे पाने के भंडार, समुद्री संसाधनों और नवीकरणीय उर्जा श्रोतों के लिए जाना जाता है।
6. तुवालु– दक्षिणी प्रशांत महासागर में सुदूर स्थित इस देश की भौगोलिक स्थिति इसके लिए सबसे बड़ा रक्षा कवच है।
7. इंडोनेशिया– दक्षिण पूर्व एशिया का यह देश अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के साथ ही स्वतंत्र और सक्रिय विदेश नीति रखता है। ये खूबी इसे सुरक्षित बनाती है।
8. भूटान– हिमालय से घिरा भारत का यह पड़ोसी देश अपने शांत व्यवहार के लिए जाना जाता है।
9. आयरलैण्ड– ब्रिटेन से सटा यह देश अपनी तटस्थता और शांतिपूर्ण विदेश नीति के लिए जाना जाता है
10. न्यूजीलैंड– एक स्थिर लोकतांत्रिक देश जिसका युद्ध संघर्षों का कोई इतिहास नहीं है। इसके साथ ही यह अपनी भोजन जरूरतें भी खुद पूरी करता है।