न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
काठमांडूः भारतीय क्षेत्रों को नेपाली रुपये के नोट पर अपना दर्शाने वाले Nepal के रष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के आर्थिक सलाहकार को आखिरकार भारतीय दबाव में इस्तीफा देना पड़ा है। दर्शल नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के आर्थिक सलाहकार चिरंजीवी ने 100 रुपए के नोटों पर बने भारत के तीन क्षेत्रों को शामिल किेए जाने का विरोध किया था। इसके बाद Nepal मे तनाव पैदा हो गया था। इसके बाद अब नेपाली राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार ने इस गलती की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। चिरंजीवी ने नए नोट पर Nepal का नया नक्शा (New Nepal Of Map) छापने के फैसले की आलोचना की थी.उन्होंने इस फैसले को बुद्धिमानी भरा नहीं बताया था.बता दें कि नोट छापने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में विवादास्पद बयान भी दिया था।
Nepal ने नए नोट पर क्या कहा था?
चिरंजीवी ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने, उन कुछ ऑनलाइन समाचार पोर्टल द्वारा की गई कोशिश का नैतिक दायित्व लेते हुए इस्तीफा दिया है, जिन्होंने मेरे बयान के आधार पर राष्ट्रपति को विवाद में शामिल करने का प्रयास किया।’’ उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘बयान में मेरा इरादा एक सजग नागरिक के रूप में लोगों को इस बात से अवगत कराना था कि इस तरह का कृत्य देश एवं लोगों के लिए ऐसे वक्त में व्यावहारिक समस्याएं पैदा कर सकता है, जब (नक्शे के मुद्दे पर) राजनयिक स्तर पर बातचीत की जा रही है।’’ पिछले हफ्ते, मंत्रिमंडल की एक बैठक में, 100 रुपये के नये नोट की छपाई में पुराने नक्शे की जगह नये नक्शे का इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया था।
Nepal के नए नोट पर भारत की आपत्ति क्या है?
Nepal सरकार के इस फैसले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि नए नोटों में दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्र का नक्शा शामिल करने के नेपाल के एकतरफा फैसले का वास्तविक स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमारी स्थिति बहुत साफ है. हम एक स्थापित मंच से अपनी सीमाओं के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन इस बीच, उन्होंने जो एकतरफा फैसला लिया,वह हमारे बीच की स्थिति या उस जगह की वास्तविकता को नहीं बदल सकता।