न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
Chhattisgarh Crop Survey: छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी, महासमुंद और कबीरधाम जिलों को भारत सरकार के कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय ने खरीफ इस साल यानि 2024 के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है. आपको बतादें कि इस परियोजना के अंतर्गत, हर गांव में इस वर्ष की फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण किया जाने वाला है. बतादें कि 9 सितंबर 2024 से यह काम शुरू होगा और 30 सितंबर 2024 तक पूरा किया जाएगा.
सभी कलेक्टरों को राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. वहीं कृषि क्षेत्र (Chhattisgarh Crop Survey) में पायलट प्रोजेक्ट के जरिए सुधार की दिशा में एक खास कदम उठाया जा रहा है, जिसकी मदद से फसल उत्पादन के आंकड़ों की सटीकता और पारदर्शिता बढ़ेगी.
सर्वेक्षण कार्य के लिए, 25 अगस्त 2024 तक कलेक्टरों को तहसील के चयन की सूचना देनी होगी. इसके अलावा 31 अगस्त 2024 तक सर्वेक्षण (Chhattisgarh Crop Survey) में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण पूरा करना होगा. 30 अगस्त 2024 तक सर्वेक्षक का चयन किया जाएगा और साथ ही उन्हें 7 सितंबर 2024 तक प्रशिक्षित किया जाएगा.
सर्वेक्षण कर्ताओं के लिए कुछ जरुरी योग्यताएं:
- 10वीं पास होना जरुरी
- विज्ञान स्नातक, कृषि स्नातक, 12वीं या विज्ञान से 12वीं पास उम्मीदवारों को प्राथमिकता
- इंटरनेट कनेक्टिविटी और एंड्रॉयड मोबाइल (वर्जन 9 या अधिक) होना जरुरी
- जरुरी है चयनित कर्ताओं का संबंधित गांव का निवासी होना
- हर सर्वेक्षक को प्रति खसरा 10 रुपये का मानदेय मिलेगा, जो डेटा और सर्वेक्षण अपलोड के बाद स्वीकृति पर आधारित होगा. अगर कोई भूस्वामी या फिर कृषक स्वयं अपना सर्वेक्षण करता है, तो कोई मानदेय उसे नहीं मिलेगा.
- सर्वेक्षण कार्य का आवंटन तहसीलदार या फिर उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी के द्वारा हर दिन किया जाएगा और पर्यवेक्षण हल्का पटवारी के द्वारा किया जाएगा. डेटा का सत्यापन राजस्व निरीक्षक द्वारा 2 दिनों के अंदर होगा.
- सर्वेक्षण (Chhattisgarh Crop Survey) की समीक्षा जिला स्तरीय समितियों एवं तहसील के द्वारा की जाएगी. जिला कलेक्टरों को वक्त पर गुणवत्तापूर्ण काम पूरा करने व साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट विभाग को भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.