शशिकला दुषाद
Congress stuck in nameplate dispute: कुछ दिनों पहले कावड़यात्रा के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी किया था. इस मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ की खूब आलोचना हुयी थी. साथ ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने CM योगी को जमकर फटकार लगाया था. अब ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश से सामने आ रहा है. जहां नेम प्लेट का विवाद फिर से तूल पकड़ता हुआ नज़र आ रहा है.
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने कुछ दिन पहले एक बड़ा बयान दिया था. जिसमे उन्होंने कहा था कि राज्य में सभी होटलों और ढाबों के मालिकों को दुकान के सामने अपना नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा साथ ही अपना आईडी भी दिखाना जरूरी होगा. विक्रमादित्य सिंह के इस बयान पर खूब विवाद हुआ. अब इस मामले पर कांग्रेस पार्टी ने ही विक्रमादित्य सिंह से सफाई मांगी है.नाराज कांग्रेस पार्टी के आलाकामन ने मामले को लेकर विक्रमादित्य सिंह को तलब किया है और साथ ही उनसे कहा कि उनका बयान अनुचित और अस्वीकार्य है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल(KC Venugopal) ने विक्रमादित्य सिंह से कहा कि उनके पास पार्टी की विचारधाराओं, नीतियों और सिद्धांतों के खिलाफ जाने का कोई अधिकार नहीं है. KC वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य सिंह के सामने उनके दिए गए बयान के कारण शुरू हुए विवाद पर पार्टी की तरफ से कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए उनसे लिखित जवाब देने को कहा है.
विक्रमादित्य सिंह ने दी सफाई
इस मामले पर अब विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया के सामने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मीडिया में उन्हें गलत तरीके से दिखाया गया है.आगे उन्होंने कहा कि, मैंने जो कुछ भी बयान दिया है वो कानून के दायरे में और हिमाचल प्रदेश के लोगों के भले के लिए दिया था. आज और भविष्य में भी मैं अपने राज्य के हित के लिए लड़ता रहूंगा. हम हिमाचल प्रदेश के लोगों के हित में बोलते रहेंगे ये हमारा अधिकार है.
बता दें की ,26 सितंबर को कांग्रेस के आलाकमान ने राज्य सरकार से विक्रमादित्य सिंह के बयान से दूरी बरतने को भी कहा था .इसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने शाम को एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने विक्रेताओं के अपने दुकान पर नेम प्लेट अनिवार्य करने को लेकर कोई आदेश नहीं दिया है.
इस मामले पर शिमला के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भजपा (BJP) नेता जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए इसे कांग्रेस की मनमनी बताया साथ ही कहा की अगर सरकार, अपने ही एक कैबिनेट मंत्री के बयान से खुद को दूर कर रही है तो ये प्रशासन के अंदर गंभीर मुद्दों की तरफ साफ इशारा करता है. ऐसा लगता है कि पार्टी में समन्वय की कमी है.