न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
शशिकला दुशाद
Abdullah meet Amit Shah: जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाह से मुलाकात के दौरान उमर अब्दुल्ला ने जम्मू एवं कश्मीर से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने का मुद्दा भी शामिल था. पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभालने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ करीब 30 मिनट तक बैठक की. उमर अब्दुल्ला ने बाद में कहा कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी. इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री को जम्मू-कश्नीर की स्थिति से अवगत कराया और राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर भी चर्चा की.
प्रधानमंत्री मोदी से भी मिल सकते हैं अब्दुल्ला
आपको बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गंगनगीर इलाके में 3 दिन पहले हुए एक बड़े आतंकी हमले (Terrorist attacks) के बाद उमर अब्दुल्ला (Abdullah meet Amit Shah) दिल्ली पहुंचे. इस आतंकी हमले में एक डॉक्टर समेत 7 लोग मारे गए थे. जम्मू-कश्मीर के साल 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पुलिस बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान उमर अब्दुल्ला कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और संभावना है कि वह प्रधानमंत्री मोदी से भी मिल सकते हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के साथ तालमेल बिठाकर सूबे का शासन चलाने का संकेत दिया है.
अब्दुल्ला ने छोड़ी बडगाम सीट
The Chief Minister of Jammu and Kashmir, Shri @OmarAbdullah met Union Home Minister and Minister of Cooperation, Shri @AmitShah. pic.twitter.com/AI4YEW8o5x— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) October 23, 2024
विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को शानदार जीत दिलाने वाले अब्दुल्ला ने बडगाम सीट छोड़ दी है और वह गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने रहेंगे. बता दें कि, उमर अब्दुल्ला ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों सीटों पर शानदार जीत हासिल की थी. गांदरबल सीट अब्दुल्ला परिवार की गढ़ मानी जाती है. उमर अब्दुल्ला (Abdullah meet Amit Shah) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2009 से 2014 तक गांदरबल से विधायक थे. इसके साथ ही 95 सदस्यों वाले सदन में NC के विधायकों की संख्या घटकर 41 रह गई है. हालांकि पार्टी कांग्रेस के 6, 5 निर्दलीय और आम आदमी पार्टी तथा माकपा के एक-एक विधायक के समर्थन से अभी भी बहुमत में है.