शाह ने फिर की जयंत चौधरी को लुभाने की कोशिश, अखिलेश तो अपने पिता की भी नहीं सुनते..

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उत्तर प्रदेश विधासनभा चुनाव प्रचार के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह न एक बार फिर राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को लुभाने की कोशिश की है। बुलंदशहर में चुनाव प्रचार कर रहे अमित शाह ने पार्टी के जाट मतदाता आधार को भी जोड़ा। जयंत चौधरी को लुभाने के लिए शाह चुटकी लेते हुए कहा कि अखिलेश यादव तो अपने पिता की भी नहीं सुनते हैं। 

यूपी चुनाव के लिए रालोद ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी को गठबंधन के लिए राजी किया है लेकिन, उनकी आवाज नहीं सुनी जाएगी।

अमित शाह समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बीच झगड़ का जिक्र करते हुए ने कहा ‘जयंत बाबू को नहीं पता कि अगर सपा सरकार बनाएगी तो उनकी आवाज दब जाएगी। जिसने अपने पिता और परिवार की नहीं सुनी, वह आपकी नहीं सुनेगा। आजम खान जेल से बाहर निकलेंगे और वह (अखिलेश यादव के बगल में) बैठेंगे।’

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को लुभाने का यह अमित शाह का दूसरा प्रयास था। गृह मंत्री ने 26 जनवरी को जाट नेताओं से संपर्क करते हुए कहा था कि जयंत चौधरी ने गलत घर चुना है और उन्होंने संकेत दिया था कि बीजेपी में उनके लिए दरवाजे खुले हैं। शाह के इस बयान के दो दिन बाद जयंत चौधरी ने यह कहते हुए निमंत्रण ठुकरा दिया था कि बीजेपी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है और वह कभी भगवा पार्टी में शामिल नहीं होंगे। 

इंडिया टुडे से खास बातचीत में चौधरी ने आरोप लगाया था कि अमित शाह उत्तर प्रदेश में जाटों को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं। अमित शाह के खुले दरवाजे के निमंत्रण के तुरंत बाद चौधरी ने गृह मंत्री को जवाब देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और कहा कि उनका निमंत्रण उन 700 किसानों के परिवारों को जाना चाहिए जिनके घर तबाह हो गए थे। चौधरी ने इंडिया टुडे को बताया था, निमंत्रण का उद्देश मुझे विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल होने की धारणा बनाकर मुस्लिम वोट हासिल करने से रोकना था।

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