न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
शशिकला दुशाद
Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा (Ramgopal Mishra) नाम के एक युवक की मौत हो गयी थी. रामगोपाल के मौत के बाद उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर पिछले दो दिन से मीडिया चैनलों में काफी दावे किए जा रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रामगोपाल के साथ बर्बरता की गई. उसे कई तरह की यातनाएं दी गईं और फिर उसकी हत्या की गई. हालांकि इन सभी दावों का अब बहराइच पुलिस (Bahraich Police) ने खंडन करते हुए इन्हें फर्जी बताया है.
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
बहराइच पुलिस ने सोशल मीडिया सेल पर एक ट्वीट कर बताया है कि, बहराइच (Bahraich Violence) के महराजगंज कस्बे के हरदी थाना क्षेत्र में घटित घटना के दौरान एक हिन्दू व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. इस मामले के संबंध में सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मकसद से झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं. इनमें कहा जा रहा है कि मृतक युवक को करंट लगाया गया, उसे तलवार से मारा गया और उसके नाखून उखाड़ दिए गए आदि. इस तरह की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण गोली लगना पाया गया है. इस घटना में और किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है.
pic.twitter.com/b7BidHYfzz— BAHRAICH POLICE (@bahraichpolice) October 16, 2024
पुलिस ने इस पोस्ट में आगे अपील करते हुए कहा है कि लोग साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें, और भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित न करें.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर मीडिया क्या दवा कर रही थी?
इस मामले में बुधवार, 16 अक्टूबर को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मृतक रामगोपाल मिश्रा को यातनाएं देकर मारने की बात कही जा रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि रामगोपाल की हत्या से पहले उसके साथ काफी बर्बरता की गई. मृतक को करंट भी लगाया. कहा गया कि उसकी बॉडी पर गोली के 35 छर्रे लगने के निशान मिले हैं. उसके सिर, हाथ और शरीर के कई हिस्सों पर धारदार हथियार से हमले के भी निशान हैं.
ये भी दावा किया गया है कि मृतक रामगोपाल के पैर के नाखूनों को खींच कर बाहर निकाला गया. साथ ही आंखों के पास भी किसी नुकीली चीज से गहरा घाव किया गया.
पूरा मामला क्या है
बहराइच जिले (Bahraich Violence) के रेहुआ मंसूर गांव में ये घटना 13 अक्टूबर को शाम करीब 6 बजे हुई थी. दरअसल गांव के कुछ लोग मूर्ति विसर्जन (idol immersion) के लिए जुलूस निकाल रहे थे. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में एक समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था. अभी दो पक्षों में कहासुनी हो गई.
आरोप है कि इस विवाद के दौरान कुछ लोग छतों से पत्थर फेकने लगे और इसी बीच जुलूस में शामिल रामगोपाल ने दूसरे समुदाय के एक घर की छत पर जाकर नारेबजी करने लगा और वहां भगवा झंडा लहराया, रामगोपाल वहां पहले से लगे हुए एक झंडे को भी निकाल कर फेंक दिया. जिसके बाद रामगोपाल को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई.