न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
प्रीत
Bangladesh जातीय पार्टी और नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट जैसी पार्टियों ने मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर अलग-अलग बैठके की हैं. इस दौरान इन पार्टियों ने अंतरिम सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव रख आग्रह किया है कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर नहीं मनाया जाना चाहिए.
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बीते कुछ हफ्तों में घटनाक्रम तेजी से बदलते नजर आये हैं. हालाँकि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल अभी भारत में ही हैं. और बांग्लादेश में भी नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इसी बीच कई पार्टियों ने अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि 15 अगस्त अब राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में नहीं मनाया जाए. Bangladesh नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी सहित कई राजनीतिक दलों ने Bangladesh सरकार के नए मुखिया मुहम्मद यूनुस से मुलाकात के दौरान देश में निष्पक्ष चुनाव से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई है.
Bangladesh बीएनपी, जमात, अमर पार्टी सहित गन अधिकार परिषद, बांग्लादेश जातीय पार्टी और नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट जैसी पार्टियों ने मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर अलग-अलग बैठके की और बैठक के दौरान इन पार्टियों ने अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि अब 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर नहीं मनाया जाना चाहिए.
इस बैठक में मौजूद सूत्रों ने जानकारी दी कि सभी पार्टियों का मानना है कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर मनाना अब बंद कर देना चाहिए. साथ ही इस दिन अब सार्वजनिक अवकाश की भी कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
इस बैठक में शामिल AB पार्टी के संयोजक सोलेमन चौधरी का कहना है कि राष्ट्रीय शोक दिवस स्वतंत्रता की घोषणा की भावना के विरुद्ध है. पार्टी के सदस्य असदज्जुमन फौद ने कहा कि अमेरिका के संस्थापक अब्राहम लिंकन और ब्रिटेन के विंस्टन चर्चिल की याद में इन देशों में सार्वजनिक अवकाश नहीं होता है. इसी तरह 15 अगस्त पर Bangladesh में भी सार्वजनिक अवकाश की कोई जरूरत नहीं है. हम जानते हैं कि अवामी लीग ने अगस्त के महीने को हमारे लिए शोक के महीने के तौर पर तब्दील करने की कोशिश की लेकिन अब हमने अपने मुल्क को आजाद करा लिया है. और अब इस दिन सार्वजनिक अवकाश की जरूरत नहीं है.
क्यों होता है Bangladesh में 15 अगस्त के दिन राष्ट्रीय शोक दिवस ?
Bangladesh में 15 अगस्त पर हर साल राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर इसलिए मनाया जाता है. क्यूंकि 1975 में इसी दिन शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार की एक साथ हत्या कर दी गई थी. वह Bangladesh के संस्थापक थे. 15 अगस्त 1975 को सेना के अधिकारियों ने उनके घर को चारों तरफ से घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. तब से ही Bangladesh में 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है.