1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का हवाला देकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार लगातार पूरे प्रदेश में एक नया माहौल बना चुकी है; जहां विधानसभा से इसे पारित भी कर दिया गया है। पूरा का पूरा विषय एक नई रूपरेखा तैयार करता हुआ देखा जा रहा है
जहां पूर्व में इसे लेकर कई विभिन्न संगठनों के द्वारा आंदोलन भी किए गए; यहां तक कि झारखंड की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल में लोगों ने रेल रोको आंदोलन भी किया है। इसी कड़ी में एक नई चीज आज सरायकेला जिले में देखने को मिली जहां झारखंड के धनबाद के साधुबाद गांव से विकास महतो साइकिल से पूरे झारखंड के हर एक जिले के गांव में जाकर 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को लागू करवाने का प्रचार प्रसार करते हुए देखे जा रहे हैं।
जोहर के साथ अपनी बात रखते हुए विकास कुमार महतो ने बताया कि वे धनबाद से निकलकर बोकारो,सिल्ली, रांची से चांडिल होते हुए आज सरायकेला पहुंचे हैं। वहीं उन्होंने बताया कि जिले के सबसे पुराने गांव छोटा गम्हरिया जहां वीर शहीद सांसद सुनील महतो का पैतृक स्थान है, यहां आना उनके लिए श्रद्धा का विषय है और वे काफी ज्यादा गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं यहां आने के बाद उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनका उद्देश्य पूरे झारखंड में संपूर्ण हो जाएगा। वही मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों के द्वारा उनका स्वागत माला पहनाकर किया गया।
जहां स्थानीय लोगों में से अमृत महतो ने बताया कि विकास माहतो का प्रयास काफी ज्यादा महत्वपूर्ण विषय है माहतो जनजाति नेगाचार पर काम करती है जो सबसे पौराणिक सभ्यता है और विकास माहतो इस उद्देश्य को संपूर्ण कर रहे हैं इनका यहां आना हमारे लिए काफी ज्यादा खुशी की बात है और हम इसीलिए इनका स्वागत कर रहे हैं आशा करते हैं कि अपने उद्देश्य में पूरी तरह से सफल हो।
