भागलपुर जिले में विस्फोट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। डीआईजी सुजीत कुमार के निर्देश पर विस्फोटक अधिनियम के कांडों की सूची तैयार की गई। इससे पता चला कि जनवरी 2017 से अप्रैल 2021 तक जिले में विस्फोटक अधिनियम के 119 कांड दर्ज हुए हैं। अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक विस्फोट अधिनियम की छोटी और बड़ी दर्जन भर से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इतनी घटनाओं के बावजूद कुछ मामलों में पुलिस के अनुसंधान में सुस्ती की वजह से बदमाशों का मनोबल बढ़ता गया।
तिलकुट दुकान के बाहर हुए विस्फोट का संदिग्ध भी नहीं खोज सकी पुलिस
पिछले साल जनवरी महीने में लहेरी टोला में हुए भीषण विस्फोट में पुलिस न तो विस्फोट का कारण पता कर सकी न ही किसी संदिग्ध तक ही पहुंच सकी। धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास के कई मकान क्षतिग्रसत हो गये थे। उसके अलावा तातारपुर में शिक्षक के घर की छत पर हुए विस्फोट और नाथनगर में भी विस्फोट के कुछ मामलों में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। विस्फोट में लोगों की जान जा रही, इतनी मात्रा में बारूद मंगवाई जा रही है पर इन घटनाओं में शामिल लोगों तक पहुंचने में पुलिस को सफलता नहीं मिल रही।
आस-पास के कई जिलों में पटाखे की होती है सप्लाई
शहर में बारूद किस कदर धड़ल्ले से मंगवाया जा रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भागलपुर में बने पटाखे की सप्लाई आस-पास के कई जिलों में की जा रही है। पटाखा निर्माण में सबसे बड़ा योगदान काजवलीचक का ही है। आम लोगों तक पुलिस की पहुंच और आसूचना संकलन में कमजोरी की वजह से सफलता नहीं मिल पा रही है।