Wednesday, October 4, 2023
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सेंसेक्स 636 अंक गिरकर 60,657 पर बंद, निफ्टी भी 189 अंक लुढ़का

भारतीय शेयर बाजार में आज यानी बुधवार (4 जनवरी) को बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 636 अंक गिरकर 60,657 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी 189 अंक की गिरावट के साथ 18,042 के स्तर पर आ गया। सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयरों में गिरावट रही। वहीं सिर्फ 2 शेयरों में तेजी देखने को मिली।

2 दिन की तेजी के बाद गिरावट
2 दिन की बढ़त के बाद बाजार में गिरावट देखने को मिली। BSE के ज्यादातर सेक्टर इंडेक्स में गिरावट में कारोबार हुआ। मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। मेटल, रियल्टी और बैंकिंग शेयरों में गिरावट नजर आई।

2022 में शेयर बाजार ने नए हाई बनाए
शेयर बाजार ने साल 2022 में ग्लोबल मार्केट्स के मुकाबले काफी अच्छा परफॉर्म किया है। कई वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में इस साल 2% से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली। वहीं ज्यादातर ग्लोबल मार्केट्स में 10 से 20% की गिरावट दर्ज की गई।

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बाजार ने इस साल हाई इन्फ्लेशन, इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी, करेंसी में उतार-चढ़ाव, जियोपॉलिटिकल टेंशन और FII की बिकवाली का सामना किया। इसके बावजूद 1 दिसंबर 2022 को सेंसेक्स ने 63,583.07 और निफ्टी ने 18,887.60 का नया ऑल टाइम हाई बनाया था।

पूरे साल में सेंसेक्स करीब 1,660 अंक और निफ्टी 480 अंक बढ़ा है। साल की शुरुआत यानी 3 जनवरी 2022 को सेंसेक्स 59,183.22 और निफ्टी 17,625.70 के स्तर पर था। इस साल निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में भी 3% की तेजी रही। हालांकि, निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 15% की गिरावट आई। वहीं साल 2022 में PSU बैंक सेक्टर में सबसे ज्यादा 64% की रैली देखी गई।

2023 में कैसा रहेगा भारतीय शेयर बाजार?
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में भी भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि 2023 में BFSI, कैपिटल गुड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, हाउसिंग, डिफेंस और रेलवे जैसे सेक्‍टर फोकस में रह सकते हैं।

FIIs के भी नए साल में भारतीय बाजार में जमकर निवेश करने की उम्मीद है। हालांकि, मंदी की आशंका, जियोपॉलिटिकल टेंशन और चीन में कोविड के बढ़ते मामलों जैसे ग्‍लोबल कारणों से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। 2023 में RBI के साथ-साथ US Fed की पॉलिसीज का भी बाजार की चाल तय करने में अहम रोल होगा।

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