केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने के मूड में नजर आ रही है। दरअसल, सरकार आगामी संसद के शीतकालीन सत्र क्रिप्टोकरंसी से जुड़े विधेयक लाने की तैयारी में है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित किया जाएगा।
ये खबर उन निवेशकों के लिए बड़ा झटका है जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं या इसकी योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के लिए भी ये खबर टेंशन बढ़ाने वाली है। एलन मस्क की टेंशन कैसे बढ़ेगी, आइए समझ लेते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने हैं मस्क: दरअसल, इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार में एंट्री करने वाली है। टेस्ला के मुखिया एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने हैं। वह समय-समय पर बिटक्वाइन समेत अन्य कई क्रिप्टोकरेंसी को प्रमोट भी कर चुके हैं। यही नहीं, बीते दिनों टेस्ला ने अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के लिए बिटक्वाइन को भुगतान के रूप में स्वीकार करने की भी घोषणा की थी।
इसके साथ ही उन्होंने दुनियाभर में इसकी स्वीकार्यता के संकेत दिए थे। ऐसे में ये माना जा रहा था कि भविष्य में टेस्ला भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट के तरीके पर काम कर सकती है। हालांकि, कुछ दिनों बाद टेस्ला ने अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर रोक लगा दी। अब फिर कंपनी ने इसे शुरू करने के संकेत दिए हैं।
बहरहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की स्थिति में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की प्लानिंग को झटका लग सकता है। आपको बता दें कि टेस्ला की कार जल्द ही भारत में लॉन्च होने वाली है। कार लॉन्चिंग से पहले टेस्ला, भारत सरकार से आयात शुल्क को कम करने की भी मांग कर रही है। बहरहाल, खबर ये भी है कि केंद्रीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाली है।
शीत सत्र में 26 विधेयकों को मिलेगी मंजूरी, क्रिप्टोकरेंसी पर भी कानून बनाने की है तैयारी
अब देखना अहम होगा कि इस डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग के क्या तरीके होंगे और इसकी कितनी स्वीकार्यता होगी। ये भी देखना होगा कि क्या टेस्ला जैसी विदेशी कंपनियां भारतीय डिजिटल करेंसी को स्वीकार करेंगी या नहीं।