न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
स्नेहा श्रीवास्तव
Captain Anshuman Singh के माता का कहना है कि ‘ना तो बहु मेरे पास है और ना ही बेटा, और ना ही वह सम्मान (कीर्ति चक्र), जिसको हाथ पर रखकर कम से कम देख सकूं या साथ फोटो खींच संकू. हमारे यूपी और बिहार की बहुएं ऐसी नहीं होती हैं, वह हमारे साथ ही रहती है’.पांच जुलाई को शहीद Captain Anshuman को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.
शहीद Captain Anshuman Singh की मां और उनकी पत्नी यह सम्मान लेने राष्ट्रपति भवन आई थीं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Captain अंशुमान की पत्नी स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. साथ में उनके साथ अंशुमन की मां खड़ी थीं. वहीं, अब शहीद Captain Anshuman Singh के माता पिता ने बहू पर गंभीर आरोप लगाया गया है. Captain Anshuman Singh की मां मंजू सिंह ने कहा कि पांच महीने की शादी थी. बेटा शहीद हो गया और बहू कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई. हमारे पास क्या बचा? ऐसे बहुत केस आ रहे हैं. बहुएं भाग जा रही हैं.
उनके हाथ में सम्मान नहीं देना चाहिए. राहुल जी ने कहा है वो राजनाथ जी से बात करेंगे. वहीं, शहीद Captain Anshuman Singh के पिता रवि प्रताप सिंह ने भी कहा कि बहू कीर्ति चक्र भी ले गई यहां बस बेटे की तस्वीर बची है. कैप्टन अंशुमन सिंह के माता पिता का कहना है कि सरकार एक बार NOK के मुद्दे पर विचार करे क्योंकि बहुएं चली जाती हैं सब कुछ लेकर ऐसा बहुत जगहों पर हुआ है.
हम बहू से बहुत प्यार करते थे
शहीद Captain Anshuman Singh की मां ने कहा कि हम बहू से बेहद प्यार करते थे. मेरी बहु बहुत सुंदर थी. बहुत अच्छी थी. मेरी बेटी और मेरी बहू नोएडा में एक साथ रहती थीं क्योंकि बहू को खाना बनाना या चाय बनाना नहीं आता था. इसलिए मैंने अपनी बेटी को बहू के साथ नोएडा में कर दिया था. शुरुआती दौर में जब मेरा बेटा बाहर ड्यूटी पर था तो 4 महीने मैं खुद बहु के साथ रही. जब मेरा बेटा शहीद हो गया तो देवरिया के घर पर तेरहवीं तक बहू रहीं.
तेरहवीं के दिन उनके परिवार वालों ने कहा कि धार्मिक आयोजन के लिए बेटी को ले जा रहे हैं, जल्दी ही वापस आ जाएगी. बेटी ने भी कहा था कि बहू अभी उस स्थिति में नहीं है कि मैं रख सकूं. थोड़ा स्टेब्लिश होने के बाद वापस आने की बात कही थी.उन्होंने आगे कहा कि मेरी बेटी लखनऊ तक छोड़ने आई फिर लखनऊ से मेरी बहू फ्लाइट से दिल्ली चली गई.