न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
कई भारतीयों का विदेश में जाकर Job करने का सपना होता है। लेकिन Job पाने के चक्कर में लोग बुरी तरह धोखाधड़ी के दलदल में फंसकर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने अपने नागरिकों को ऐसे धोखाधड़ी से सतर्क रहने के लिए एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को यह एडवाइजरी जारी की है इस एडवाइजरी मे नौकरी के लिए कंबोडिया जाने वाले लोगों को Job की पेशकश से जुड़े महत्वपूर्ण जोखिमों की रूपरेखा दी गई है।
इन फर्जी Job से सावधान-दूतावास
भारतीय दूतावास ने कहा है कि विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा अप्रूव अधिकृत एजेंटों के माध्यम से ही रोजगार के लिए दूसरे देश मे हमारे नागरिकों को जाना चाहिए। एडवाइजरी में धोखाधड़ी वाली Job की पेशकश से जुड़े महत्वपूर्ण जोखिमों की जानकारी दी गई है. उन्होने कुछ मामलों को उजागर करते हुए बताया कि भारतीय नागरिकों को लाओस में डिजिटल सेल्स, कॉल-सेंटर, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव्स’ जैसे पदों के लिए रोजगार का लालच दिया जा रहा है। इस तरह की पेशकस से सावधान रहने पर जोर दिया गया है।
नकली एजेंटों से रहें सावधान
दूतावास ने एडवाइजरी में कहा, कि इस क्षेत्र में कई नकली एजेंट काम कर रहे हैं, सभी भारतीय नागरिक जो कंबोडिया और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में नौकरियों के लिए जा रहे हैं वो सावधान रहें। बाहरी एजेंट जो विशेष रूप से साइबर अपराधों में शामिल हैं वो भारतीय एजेंटों के साथ मिलकर लोगों को धोखाधड़ी वाली कंपनियों में शामिल करने का लालच दे रहे हैं। “इन फर्मों से जुड़े देश सिंगापुर, दुबई, बैंकॉक और भारत जैसे स्थानों में एजेंट तगड़ी सैलरी, होटल बुकिंग और वीजा का ऑफर देकर एक साधारण इंटरव्यू और टाइपिंग टेस्ट लेकर भारतीय नागरिकों की भर्ती कर रहे हैं, जो भारतीय नागरिक कंबोडिया में नौकरी करना चाहता है, उसे केवल भारत के अप्रूव एजेंटों के माध्यम से ही करना चाहिए।
झांसे मे आए लोगों को दी जाती हैं यातनाएं
कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने कहा कि Job के झांसे मे आए लोगों को थाईलैंड से लाओस में सीमा पार ले जाया जाता है और काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है। कभी-कभी, उन्हें आपराधियों द्वारा बंधक बना लिया जाता है। अवैध गतिविधियां मे जबरन शामिल कर शारीरिक और मानसिक यातना के तहत काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। आपको बतादें कि लाओस में मानव तस्करी अपराध पर कड़ा कानून है, जिसमे अपराधों के दोषियों को 18 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है ।