Friday, March 14, 2025

छत्तीसगढ़: तम्बाकू नियंत्रण तंत्र के लिए स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

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न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

स्नेहा श्रीवास्तव

Tobacco Control: तंबाकू को नियंत्रित(Tobacco Control) करने की दिशा में और अधिक प्रयास एवं आने वाली पीढ़ी को Tobacco के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 3 एवं 4 जुलाई को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. छत्तीसगढ़ के संचालक स्वास्थ्य सेवा के निर्देशानुसार प्रमुख विभागों के राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा ब्लूमबर्ग परियोजना के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में रेल्वे, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आबकारी विभाग, श्रम विभाग एवं परिवहन विभाग के समेत राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे.

विश्व में भारत तम्बाकू उत्पादकता और उपभोक्ता में दूसरे स्थान पर है तम्बाकू का सेवन एक गंभीर चिंता का विषय है. GATS-2, 2016-17 में बताया गया कि राज्य की कुल 39.1 प्रतिशत वयस्कों की आबादी द्वारा किसी न किसी रुप में तम्बाकू का उपयोग किया जाता है.

साथ ही छत्तीसगढ़ में कार्यस्थल पर सेकेंड हैंड धुएं का एक्सपोजर 21.3% है, घर पर सेकेंड हैंड धुएं का एक्सपोजर 35% है और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर एक्सपोजर 22.8% है. साथ ही GYTS-4 के अनुसार वर्तमान में शाला प्रवेशी 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के कुल 8% बच्चे भी तम्बाकू की चपेट में आ चुके हैं ,जो की चिंता का विषय है.

हालाँकि NTCP और COTPA 2003 के प्रावधानों को लागू करने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन राज्य के सभी जिलों में तंबाकू नियंत्रण की संस्थागत तंत्र को मजबूत करने और COTPA 2003 सहित अन्य तंबाकू नियंत्रण की नीतियों के अनुपालन के लिए मजबूत प्रयासों की आवश्यकता है.

तम्बाकू नियंत्रण की नीतियों और कानूनों पर किया जाएगा मंथन

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी ने बताया है कि तम्बाकू नियंत्रण के इस कार्यशाला के माध्यम से तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में बेहतर प्रयास करने हेतु विभिन्न कानूनों एवं नीतियों के विषय विशेषज्ञों द्वारा एक मंच के माध्यम से विस्तार से समझाया जाएगा और अंतरविभागीय समन्वय स्थापित कर अपने-अपने क्षेत्रों में उनका अनुपालन करा कर लोगों को तम्बाकू के नकारात्मक प्रभावों को लेकर जागरूक किया जायेगा.

राज्य में शिक्षा विभाग के सहयोग से शैक्षिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जा रहा है. साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रथम चरण में प्रत्येक जिले के 5-5 ग्राम पंचायतों को धूम्रपान मुक्त करने के प्रयास प्रारंभ किया जा चुका है.

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