न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
बीजिंग: भारत के पड़ोसी देश Bangladesh में ड्रैगन यानि China अपनी सेना की एक टुकड़ी तैनात करने जा रहा है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है कि “Bangladesh की सेना के साथ संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की एक टुकड़ी को मई की शुरुआत में Bangladesh में तैनात किया जाएगा। Bangladesh और चीन की सेनाओं के बीच मे होने वाली ये पहली ज्वाइंट मिलिट्री ट्रेनिंग है। “चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया, “प्रशिक्षण का उद्येश्य चीन और Bangladesh के बीच आपसी समझ, दोस्ती को मजबूत करना और दोनों पक्षों के बीच व्यावहारिक आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ाना है।”
संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा और आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण
वू कियान ने आगे कहा कि यह प्रशिक्षण संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों के संदर्भ में तैयार किया गया है। जिसमें दोनों पक्ष बस अपहरण को रोकने और आतंकवाद विरोधी कैंप को नष्ट करने का अभ्यास करेंगे।
China के बड़े प्लान का हिस्सा है बांग्लादेश
पिछले साल पेंटागन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन कई देशों में अपनी सैन्य मौजूदगी दर्ज करना चाहता है, इनमें भारत के चार पड़ोसी Bangladesh, श्रीलंका, पाकिस्तान और म्यांमार भी शामिल हैं। यही नहीं, शेख हसीना जिस तरह से चीन के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ा रही हैं, उससे बीजिंग को Bangladesh के रणनीतिक क्षेत्र में घुसपैठ का बहाना मिल रहा है। यह संयोग नहीं है कि एक तरफ जहां Bangladesh में कट्टरपंथी भारत विरोधी अभियान चला रहे हैं, वहीं चीन ने भी अपनी सक्रियता बढ़ाई है।
Bangladesh को शिकार बना रहा चीन
भारत के पड़ोसी देशों को धीरे-धीरे चीन अपना शिकार बना रहा है. पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव के बाद उसका अगला शिकार Bangladesh है. वह बड़े पैमाने पर Bangladesh में इन्वेस्टमेंट कर रहा है. इसके अलावा हथियारों को भी बेच रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि Bangladesh को हथियार बेचने वालों में चीन नंबर-1 पर है. इसके अलावा वह Bangladesh को लगातार कर्ज भी दे रहा है. रेल, हाईवे, पावर प्रोजेक्ट, शिपिंग में इन्वेस्टमेंट के नाम पर China लगातार बांग्लादेश को कर्ज में डूब रहा है
पनडुब्बी बेस का कर रहा निर्माण
Bangladesh एक क्षेत्रीय समुद्री शक्ति बनना चाहता है और चीन इसका सही से इस्तेमाल कर रहा है। पहले बीजिंग ने ढाका को रियायती कीमत पर दो पुरानी पनडुब्बियों का रिनोवेशन करके उनकी आपूर्ति की और उसके बाद Bangladesh के पेकुआ में पनडुब्बी बेस बनाने के लिए हसीना सरकार को सहमत कर लिया। पेकुआ पनडुब्बी बेस 1.21 अरब डॉलर में बना है, जिसे चीन ने वित्तपोषित किया है। जाहिर है Bangladesh को आने वाले वर्षों में इसके रखरखाव के लिए चीन पर निर्भर रहना तय है।